11 नवम्बर को सरपंचों का सरकार विरोधी आंदोलन
पंचायत सशक्तिकरण और अधिकारों की बहाली को लेकर उठेगा संयुक्त मोर्चा
बालाघाट। जिलेभर के सरपंचों ने आगामी 11 नवम्बर को सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है। यह आंदोलन संयुक्त मोर्चा संगठन के बैनर तले किया जाएगा, जिसमें जिले के सभी विकासखंडों के सरपंच, जनपद सदस्य, पंचायत सचिव और पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे। आंदोलन का नेतृत्व बालाघाट जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष वैभव बिसेन करेंगे।
सरपंच संघ ने बताया कि यह आंदोलन पंचायतों की स्वायत्तता, वित्तीय अधिकारों की बहाली और जनप्रतिनिधियों को उचित मानदेय देने की मांग को लेकर किया जा रहा है। पिछले कई महीनों से पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा शासन-प्रशासन से बार-बार निवेदन और पत्राचार के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे जनप्रतिनिधियों में नाराजगी व्याप्त है।
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👉 सरपंचों की प्रमुख मांगे
पंचायतों को वित्तीय अधिकार वापस दिए जाएँ ताकि स्थानीय विकास कार्यों में तेजी आ सके।
सरपंचों का मानदेय बढ़ाया जाए और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
पंचायत सचिवों और जनपद अधिकारियों द्वारा सरपंचों के प्रति की जा रही उपेक्षा व मनमानी पर रोक लगाई जाए।
पंचायत निधियों के उपयोग में नौकरशाही दखल समाप्त किया जाए।
पंचायतों को योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन में स्वतंत्रता दी जाए।
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👉 आंदोलन की रूपरेखा
सरपंच संघ अध्यक्ष वैभव बिसेन ने बताया कि आंदोलन की तैयारी कई दिनों से चल रही है। प्रत्येक विकासखंड में बैठकें कर रणनीति तय की गई है।
> “सरपंच अब केवल औपचारिक जनप्रतिनिधि नहीं बनना चाहते। उन्हें अपने गांव के विकास में निर्णायक भूमिका चाहिए। सरकार ने जो अधिकार छीने हैं, उन्हें वापस पाने तक यह संघर्ष जारी रहेगा।”
— वैभव बिसेन, अध्यक्ष, सरपंच संघ बालाघाट
आंदोलन के तहत 11 नवम्बर को जिला मुख्यालय बालाघाट में विशाल रैली आयोजित की जाएगी। सुबह सभी विकासखंडों से सैकड़ों की संख्या में सरपंच अपने-अपने पंचायत क्षेत्रों से रैली में शामिल होने आएंगे। जिला मुख्यालय पहुँचने के बाद सरपंच संघ द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा, जिसमें पंचायतों की समस्याओं और मांगों का विस्तार से उल्लेख होगा।
👉 शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक आंदोलन
संयुक्त मोर्चा संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा। आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए सरपंच संघ ने स्वयंसेवकों की टीम गठित की है, जो अनुशासन बनाए रखने का कार्य करेगी।
> “हमारी लड़ाई किसी दल या व्यक्ति से नहीं, बल्कि पंचायत व्यवस्था के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए है। यदि पंचायतें मजबूत होंगी, तो गांव, समाज और देश की नींव भी मजबूत होगी।”
— वैभव बिसेन, अध्यक्ष, सरपंच संघ बालाघाट
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👉 आंदोलन के बाद की रणनीति
सरपंच संघ ने संकेत दिया है कि यदि 11 नवम्बर के आंदोलन के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को प्रदेश स्तर तक विस्तारित किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरपंच संघ के पदाधिकारियों से भी संपर्क किया जा रहा है।
संयुक्त मोर्चा संगठन ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज सुने और उनके साथ संवाद स्थापित करे, क्योंकि पंचायतों के बिना ग्रामीण विकास की परिकल्पना अधूरी है।
🖊️ जिला क्राइम रिपोर्टर — प्रताप गेडाम