मलेरिया पीड़ित से 108 एंबुलेंस कर्मियों द्वारा रुपए मांगने का मामला
कलेक्टर के निर्देश पर चालक एवं ईएमटी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज — दोनों आरोपी गिरफ्तार
बालाघाट / मलेरिया पीड़ित मरीज से 108 एंबुलेंस के कर्मियों द्वारा जबरन रुपए मांगने का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस गंभीर प्रकरण को लेकर कलेक्टर श्री मृणाल मीना के निर्देश पर एंबुलेंस चालक ललित पवार एवं ईएमटी अनिल राहंगडाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
इनकी लापरवाही और अमानवीय व्यवहार के कारण मरीज के उपचार में देरी हुई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। प्रशासन ने इसे गंभीर सेवा दोष मानते हुए तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की है।
गंभीर रूप से बीमार युवती को बिरसा से बालाघाट लाया जा रहा था
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परेश उपलप ने बताया कि बैहर विकासखंड के ग्राम जत्ता निवासी 20 वर्षीय युवती गायत्री उईके पिता सालिकराम उईके मलेरिया से पीड़ित थी।
उसे 26 अक्टूबर की रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरसा से जिला चिकित्सालय बालाघाट के लिए रेफर किया गया था।
रात 8:57 बजे 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया गया, जिस पर वाहन क्रमांक CG-04-NS-2464 रात करीब 10 बजे बिरसा अस्पताल पहुँची और लगभग 10:15 बजे मरीज एवं परिजनों को लेकर बालाघाट के लिए रवाना हुई।
लौगूर घाटी के जंगलों में एंबुलेंस रोककर मांगे रुपए
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यात्रा के दौरान रात करीब 11:30 बजे जब वाहन लौगूर घाटी के घने जंगलों से होकर गुजर रहा था, तभी चालक ललित पवार और ईएमटी अनिल राहंगडाले ने एंबुलेंस रोक दी।
दोनों ने मरीज के परिजनों से कहा कि वाहन में केवल दो लोगों को ही बैठाया जा सकता है, आप चार लोग हैं, इसलिए 700 रुपए देने होंगे, अन्यथा वाहन आगे नहीं बढ़ेगा।
गरीब आदिवासी परिवार के पास केवल 600 रुपए ही थे, जो उन्होंने मजबूरी में दे दिए। रुपए मिलते ही एंबुलेंस को आगे बढ़ाया गया।
निजी अस्पताल में भर्ती कराने का दबाव, जिला अस्पताल पहुंचने में हुई देरी
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पीड़ित परिवार के अनुसार, यात्रा के दौरान चालक और ईएमटी लगातार उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दबाव डालते रहे, जबकि बिरसा अस्पताल से स्पष्ट रूप से जिला चिकित्सालय बालाघाट में भर्ती कराने के निर्देश दिए गए थे।
आखिरकार, एंबुलेंस ने रात लगभग 12:10 बजे मरीज को जिला चिकित्सालय बालाघाट में छोड़ा।
मरीज को भर्ती तो किया गया, लेकिन देर से उपचार शुरू होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
प्रकरण को लेकर कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. उपलप ने बताया कि यह मामला सामने आते ही कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने इसे अत्यंत गंभीर लापरवाही एवं मानवता के विरुद्ध कार्य माना।
उनके निर्देश पर दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध बिरसा एवं बालाघाट थानों में एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अनुबंधित संस्था पर भी होगी कार्रवाई
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डॉ. उपलप ने बताया कि इस मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल के मिशन संचालक को भी पत्र भेजा गया है, ताकि 108 एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली अनुबंधित संस्था जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज के विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि गरीब एवं दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों से इस प्रकार की जबरन वसूली अत्यंत निंदनीय और असहनीय है।
प्रशासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि भविष्य में किसी भी आपात सेवा में लापरवाही या धन की मांग की शिकायत पर तुरंत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने दी चेतावनी
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि 108 एंबुलेंस जैसी सेवा का उद्देश्य जनता को आपातकालीन स्थिति में नि:शुल्क सहायता प्रदान करना है।
इस प्रकार की हरकतें शासन की छवि को धूमिल करती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि आगे से किसी भी स्वास्थ्यकर्मी या एंबुलेंस चालक द्वारा धन की मांग या गैरव्यवहार किए जाने पर तुरंत निलंबन एवं गिरफ्तारी की कार्यवाही की जाएगी।
बालाघाट जिला ब्युरो प्रहलाद गजभिये
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