बालाघाट
वारासिवनी विकासखंड अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला नांदगांव में जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना का एक गंभीर मामला सामने आया है। मॉ सरस्वती महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष एवं विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत रसोइया के रूप में कार्यरत श्रीमती जयश्री चौरे ने विद्यालय के शाला प्रभारी श्री राजेश तुरकर पर जातिगत आधार पर अपमानित करने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं।श्रीमती जयश्री चौरे ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि वे अनुसूचित जाति (चमार) से संबंध रखती हैं। आरोप है कि शाला प्रभारी द्वारा उनके साथ लगातार अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है।
महिला का कहना है कि उनके द्वारा प्रतिदिन बच्चों के लिए तैयार किया गया भोजन जानबूझकर फेंक दिया जाता है तथा विद्यार्थियों को उनके हाथ का बना भोजन न खाने के लिए उकसाया जाता है। इससे न केवल उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है, बल्कि बच्चों के मन में भी गलत भावना उत्पन्न की जा रही है।
पीड़िता के अनुसार, शाला प्रभारी श्री राजेश तुरकर द्वारा उन्हें बार-बार महिला स्व सहायता समूह के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह दबाव जातिगत द्वेष के कारण बनाया जा रहा है, जिससे वे अत्यंत आहत और भयभीत हैं। महिला ने इसे संविधान एवं कानून के विरुद्ध बताते हुए कहा कि इस प्रकार का व्यवहार सामाजिक समरसता और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।
इस पूरे मामले को लेकर श्रीमती जयश्री चौरे ने कलेक्टर महोदय बालाघाट, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बालाघाट एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी को लिखित आवेदन प्रस्तुत कर निष्पक्ष जांच तथा दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि जब तक जांच पूरी न हो, तब तक उन्हें सुरक्षा एवं सम्मानजनक कार्य वातावरण प्रदान किया जाए।
मामले के सामने आने के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। सामाजिक संगठनों एवं ग्रामीणों द्वारा भी इस प्रकार की कथित जातिगत प्रताड़ना पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है। अब यह देखना शेष है कि प्रशासन इस गंभीर आरोप को कितनी गंभीरता से लेते हुए जांच कर उचित कार्रवाई करता है।
अभयवाणी न्यूज
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