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बालाघाट
प्रदेश में 06 आयुर्वेदिक औषधियों के क्रय-विक्रय पर तत्काल प्रतिबंध
अमानक पाई गईं दवाइयों के बैच — कंपनियों को लौटाने के निर्देश
बालाघाट। जिले में 06 आयुर्वेदिक औषधियों गिलोय सत्व, कामदुधा रस, प्रवाल पिष्टी, मुक्त शुक्ति, कफ कुठार रस एवं लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) के क्रय-विक्रय पर जिला प्रशासन द्वारा तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है। अमानक औषधियाँ बाजार में न बिकें, इसके लिए सभी औषधि विक्रेताओं को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
👉 परीक्षण में मानक स्तर पर खरे नहीं उतरे नमूने
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जिला आयुष अधिकारी डॉ. मिलिंद चौधरी ने बताया कि विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित इन औषधियों के बैचों के नमूने औषधीय निरीक्षक, छिंदवाड़ा द्वारा निरीक्षण के दौरान लिए गए थे। इन्हें परीक्षण हेतु शासकीय औषधीय परीक्षण प्रयोगशाला, ग्वालियर भेजा गया था।
परीक्षण में ये सभी नमूने अमानक पाए गए, जिसके बाद प्रदेश में इनके विक्रय पर रोक लगाई गई है।
👉 प्रतिबंधित कंपनियाँ एवं बैच नंबर
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कंपनी का नाम औषधि बैच नंबर
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शर्मायु जेन्युन आयुर्वेद, दतिया गिलोय सत्व 005-P1
शर्मायु जेन्युन आयुर्वेद, दतिया कामदुधा रस 25117002 P-1
श्री धनवंतरी हर्बल्ला, जिला सोलन (HP) प्रवाल पिष्टी PPMB-077
श्री धनवंतरी हर्बल्ला, जिला सोलन (HP) मुक्त शुक्ति MSBD-059
डाबर इंडिया लिमिटेड, साहिबाबाद (UP) कफ कुठार रस SB0066
डाबर इंडिया लिमिटेड, साहिबाबाद (UP) लक्ष्मी विलास रस SB0065
👉 विक्रेताओं को 3 दिन की समय सीमा
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प्रतिबंधित बैचों को तत्काल स्टॉक से हटाएँ
सभी दवाइयाँ कंपनियों को वापस करें
3 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जिला आयुष कार्यालय में प्रस्तुत करें
जिला आयुष अधिकारी ने चेतावनी दी है कि—👇
जिले में यदि कहीं भी इन प्रतिबंधित औषधियों की बिक्री पाई गई तो संबंधित विक्रेता पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
👉 नागरिकों से अपील
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यदि आपके घर में ये दवाइयाँ मौजूद हों तो इनका उपयोग न करें ।