चित्र के चरित्र को धारण करना उद्देश्य भारत माता प्रतिमा -खट्टर
भारत माता प्रतिमा अनावरण पर राष्ट्रभक्ति का छाया रंग
बालाघाट। भारत माता का गौरवगान करके हम राष्ट्रप्रेम के भाव को जागृत करते है, भारता माता किसी विशेष राजनीतिक दल या संगठन संप्रदाय से ऊपर है वह तो संपूर्ण भारत की है हर संप्रदाय की है अगर सबको एक छत के नीचे एकत्रित करना है तो भारत माता ही वही तत्व है। 250 वर्षो तक भारत माता जंजीरों में थी और वर्तमान काल में आंतरिक समस्याओं की बेडिय़ों में जकड़ी हुई है यह बेडिय़ां जातिवाद की है, अगर इसी में फंसे रहे तो आनेवाला समय घातक आने वाला है। उक्ताशय के विचार राष्ट्रीय विचारक सनातन महासभा के प्रखर वक्ता गौतम खट्टर ने 6 अक्टूबर को नगपालिका परिषद बालाघाट के तत्वावधान में आयोजित भारत माता की प्रतिमा अनावरण अवसर पर कही।
भारत मां की उतारी आरती गाया राष्ट्रीय गीत
बालाघाट नगर के काली पुतली चौक सुभाष उद्यान में भारत माता की प्रतिमा का भव्यतम समारोह में अनावरण किया गया। भारत माता की आरती उतारी गई और राष्ट्रीय गीत के साथ राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत आयोजन किया गया। चहुंओर भारत माता की जय के जयकारें गूंजने लगे। सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत नगरपालिका के द्वारा नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष सभापति एवं पार्षदगण के माध्यम से किया गया।
प्रोटोकॉल पर कटाक्ष, चित्र के चरित्र को धारण करना उद्देश्य
राष्ट्रीय विचारक वक्ता गौतम खट्टर ने अपने उद्बोधन में नपाध्यक्ष के गाये गये देशभक्ति गीत की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि सुमधुर आवाज है और आपके कंठ में सरस्वती जी का वास है। उन्होंने मंच से कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने की बात कर रहे थे उन्हें समझना चाहिये कि भारत माता का अनावरण समारोह है और भारत माता पार्टी विशेष, राजनीतिक दल और संगठन के साथ ही सबसे उपर है। मैं शब्दों की दीपशिखा हूं अंधियारे के चौबारे में इस छंद के उपरांत उन्होंने कहा कि किसी को भले ही बुरा लगे लेकिन मैं जो कहता हूं वो सच कहता हूं। प्रोटोकाल आज चिंता का विषय है हर किसी को वीआईपी बनना है हिंदूओं के पतन का यही मुख्य कारण है। इस समाज में आवाज आती है कि हिंदुओं पर आक्रमण हो रहा है तो हमें सचेत रहना है। हम अपने आप को वीआईपी केटेगिरी से बाहर निकाले और सबसे अंतिम पायदान पर स्वयं को रखें अपने ईष्ट को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि प्रतिमाएं देश में अनगिनत है केवल हमारे द्वारा की गई चित्र की पूजा से काम नहीं चलेगा चित्र के चरित्र को जीवन में धारण जब तक नहीं करेंगे उद्देश्य सफल नहीं होगा।
भारत माता के एक हाथ में शांति तो दूसरी में क्रांति है-खट्टर
श्री खट्टर ने आगे कहा कि देश में जातिवाद की जंजीरें है जो हिंदुओं में विघटन और भेदभाव का कारण है वेदों की परंपरा को निभाना आवश्यक है और एक भगवा के नीचे आना चाहिये कब तक जातिवाद में फंसें रहेंगे क्योंकि आनेवाला समय घातक है। आज भारत माता धर्मांतरण, छूआछूत, भेदभाव से घिरी हुई है अस्मिता से खिलवाड़ हो रहा है आज के आधुनिक भारत में हिंदु अपने त्यौहारों को सनातन परंपरा के अनुरूप मनाने में असफल हो रहा है हमें तटस्थ रहना होगा क्योंकि यह बात कोई समझाने वाला नहीं है। हिंदू परंपरा का उदाहरण श्री खट्टर ने चीटियों से दिया उन्होंने कहा कि जब यज्ञ हो रहा था तो उसकी लकडिय़ों में चीटियां थी तो नपाध्यक्ष ने इस लकड़ी को अलग करने को कहा और बताया कि मैने अपने बच्चों को सीख दी है कि चीटियों को भी मौसी कहा जाये, यह बताते हुए श्री खट्टर बोले की किसी छोटे प्राणी का नुकसान नहीं होने देना यह सनातन परंपरा है लेकिन दृष्ट नहीं माने तो हिंसा भी जरूरी है। भारत माता के एक हाथ में शांति है तो दूसरी में का्रंति है यह प्रतिमाएं, मूर्तियां हमें शिक्षा देती है हर देवी-देवता हमें शिक्षा देते है। समाज में भारत माता तथा भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिये प्रेरणा लेना है जैसा हमारे पूर्वजों ने जीवन जीया है उस प्रकार जीना है तभी हमना जीवन सफल होगा।
समर्पण भाव संघ के शताब्दी वर्षो का स्वरूप-कश्यप
आरएसएस जिला संघचालक वैभव कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि जो स्वप्र हमारी पीढिय़ों ने देखा था उसके 100 वर्ष हुये है पीढिय़ां खप गई है। संघ का जीवन भारत माता की सेवा में क्षण-क्षण अपने आपने को समाप्त करने का भाव संघ का है। हजारों लोग दुनिया से चले गये हमें मनुष्य शरीर 84 लाख योनियों के बाद मिला है, कुछ अच्छा कर जाये यह इसका भान हमें होना चाहिये। मानव शरीर सुखों से नहीं दु:खों के भाव से बड़ा करना है। उन्होंने पंचनिष्ठा को जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीयता के भाव को जागृत करना प्रतिमा स्थापना का उद्देश्य-भारती ठाकुर
भारत माता प्रतिमा अनावरण को लेकर प्रस्तावना भाषण में नगरपालिका परिषद बालाघाट अध्यक्ष भारती सुरजीतसिंह ठाकुर ने बताया कि हमारे मार्गदर्शक गौरीशंकर बिसेन ने कई मूर्तियों को लगाने का किया है लेकिन जब हमने यह तैयारी की तो समझ आया कि इसमें कितनी कठिनाईयां आती है अनुमतियां लेने से लेकर तैयारियों तक। उन्होंने बताया कि एक समय तो काली पुतली चौक के निकट भारत माता की प्रतिमा स्थापना को लेकर भ्रांतियां फैला दी गई थी कहा जा रहा था कि काली पुतली का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा लेकिन काली पुतली हमारे शहर की पहचान है। आगे नपाध्यक्ष महापुरूषों की मूर्तियां स्थापना यह उद्देश्य है कि इससे राष्ट्रीयता की भावना जागृत हो भेद मिटें और भारत माता की प्रतिमा स्थापित करना यही दर्शाता है कि हम सबको भारतीय होने पर गर्व हो।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक की पंचनिष्ठा देती है सीख
नपाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पंचपरिवर्तन के लिये गये संकल्प के महत्व को बताया जिसमें उन्होंने कहा कि यह सभी को अपनी दिनचर्या में अपनाना चाहिये रोजमर्रा से जुड़ी हुई बातें है व्यक्ति के निर्माण से राष्ट्र निर्माण की चिंता इस पंचनिष्ठा में झलकती है। इसी को लेकर उन्होंने कहा कि पंचनिष्ठा में सामाजिक समरसता जो हमें भारत माता का सपूत बनाकर रखती है। कुटुंब प्रबोधन परिवार के आदर्श और परंपरा को ग्रहण करने और दिशा दिखाने का कार्य करती है। पर्यावरण संरक्षण जिसमें स्वच्छता सर्वोपरी है हम अपने घर-परिसर और नगर को स्वच्छ रखें यह किसी संस्था तक सीमित ना हो बल्कि स्वच्छता ही हमारा स्वभाव बने। आगे उन्होंने बताया कि जल संरक्षण, योग क्रियाएं जिससे स्वास्थ्य दुरूस्त रहता है मनुष्य निरोगी रह पाता है। प्रकृति का संरक्षण, पौधारोपण यह पंचनिष्ठा के अंग है। स्वदेशी को अपनाने को लेकर उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों को प्रेरणादायी बताया जिससे राष्ट्रनिर्माण में भूमिका निभाई जा सकती है। अंत में नपाध्यक्ष ने अपनी सुमधुर आवाज में देशभक्ति गीत प्रस्तुत करके सभी को राष्ट्रप्रेम की उमंग के साथ झूमने को मजबूर कर दिया।
साधक महाराज, दुर्गा उत्सव समिति एवं उत्कृष्ट कार्य करने वालों का हुआ सम्मान
बालाघाट नगर में नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ भगवती के विविध दुर्गा पंडालों में श्रद्धा और उत्साह का अनूठा संगम देखने को मिला है। इस शुभ अवसर पर नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा भारत माता मूर्ति अनावरण समारोह के दौरान नगर की दुर्गा उत्सव समितियों को विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने, सर्वश्रेष्ठ मूर्ति प्रतिमा, साज-सज्जा, अनुशासन, स्वच्छता, स्वदेशी उत्पादों का उपयोग इसके साथ ही भंडारा एवं अन्नपूर्णा भंडारा सेवा जैसी सेवा विधाओं में सांस्कृतिक आयोजनों के लिए भी समितियों को प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही चल समारोह में महाराज की भूमिका निभाने वाले साधकों का भी सत्कार किया गया। वहीं पूर्व सैनिकों तथा प्रतिमा विसर्जन में लगे गोताखारों को भी सम्मानित किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
भारत माता प्रतिमा अनावरण समारोह में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय विचारक सनातन महासभा के प्रखर वक्ता गौतम खट्टर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला संघचालक वैभव कश्यप, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, भाजपा जिलाध्यक्ष रामकिशोर कावरे, रामरतन नन्हेट जिलाध्यक्ष दलित संघ वाल्मिकी समाज, लखन मरावी वनवासी कल्याण आश्रम प्रांत हित रक्षा प्रमुख, लोकतंत्र सेनानी पूर्व नपाध्यक्ष रमेश रंगलानी, भूतपूर्व सैन्य अधिकारी एल.आर. गौतम, विहिप जिलाध्यक्ष यज्ञेश लालू चावड़ा, सत्यनारायण अग्रवाल, श्रीमती रेखा बिसेन, श्रीमती शांता तिवारी,निर्मला दिक्षित,निर्मला त्रिपाठी,पूर्व नपाध्यक्ष अनिल धुवारे,संजय मिश्रा, मोनू पाण्डेय,श्री बत्रा, किरणभाई त्रिवेदी, हिरासिंह भाटिया, महेश खजांची, संजीव धुवारे, बी.पी. राहंगडाले, राजकुमार रायज़ादा,महेन्द्र सुराना, जितेन्द्र मोहारे, यशवंत लिल्हारे, सुरजीतसिंह ठाकुर, नपाध्यक्ष भारती ठाकुर, उपाध्यक्ष योगेश बिसेन, सभापति समीर जायसवाल, संगीता खगेश कावरे, वकील वाधवा, कमलेश पांचे, उज्जवल आमाडारे, पार्षद संगीता थापा, श्वेता सौरभ जैन, राज हरिनखेड़े, गिरीश कावड़े, राकेश सेवईवार, रमाकांत डहाके,वंदे मारतम राष्ट्र अभियान समिति संयोजक गजेन्द्र भारद्वाज सहित अन्य उपस्थित रहे। मंच संचालन जैनेन्द्र कटरे द्वारा किया गया। नपा उपाध्यक्ष योगेश पप्पू बिसेन ने इस अवसर पर उपस्थितों का आभार जताया।