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दीपावली पर्व पर छोटे व्यवसायी ग्रामीण कारीगरो एवं गरीब महिलाओ से बाजार शुल्क नही लिया जायेगा

दीपावली पर्व पर छोटे व्यवसायियों, माटी शिल्पियों,ग्रामीण कारीगरों एवं गरीब महिलाओं से बाजार शुल्क नहीं लिया जाएगा
कलेक्टर श्री मृणाल मीना के निर्देश – स्थानीय कौशल एवं स्व-रोजगार को प्रोत्साहन देने की पहल
बालाघाट, 16 अक्टूबर 2025।
दीपावली पर्व के अवसर पर छोटे व्यवसायियों, माटी शिल्पियों, ग्रामीण कारीगरों तथा गरीब महिलाओं को राहत प्रदान करते हुए कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि दीपावली पर्व पर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थायी रूप से व्यवसाय करने वाले, पथ पर विक्रय करने वाले छोटे-छोटे व्यवसायी, माटी शिल्पी, स्थानीय एवं ग्रामीण कारीगरों तथा गरीब महिलाओं द्वारा संचालित स्व-सहायता समूहों से किसी भी प्रकार का बाजार बैठकी शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर श्री मीना ने कहा कि दीपावली का पर्व पारंपरिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर स्थानीय स्तर पर कार्यरत माटी शिल्पी, कुम्हार, ग्रामीण कारीगर तथा महिलाओं के स्व-सहायता समूह अपने हाथों से बने मिट्टी एवं गोबर के दीपक, दीपमालाएं, गणेश-लक्ष्मी प्रतिमाएं, तोरण, दीवार सजावट सामग्री तथा अन्य धार्मिक प्रतीक बनाकर विक्रय करते हैं। इन उत्पादों के विक्रय से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों को बल मिलता है तथा पारंपरिक कला और शिल्प को भी संरक्षण प्राप्त होता है।
15 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक शुल्क नहीं वसूला जाएगा
जारी निर्देशों के अनुसार, दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में दिनांक 15 अक्टूबर 2025 से 01 नवम्बर 2025 (ग्यारस पर्व) तक नगरीय निकायों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले ऐसे अस्थायी विक्रेताओं, माटी शिल्पियों, छोटे व्यवसायियों एवं स्व-सहायता समूहों से किसी भी प्रकार का बाजार शुल्क, बैठकी शुल्क अथवा अन्य कर/शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर श्री मीना ने निर्देश दिए हैं कि इस अवधि में जिले के किसी भी नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत द्वारा ऐसे अस्थायी विक्रेताओं को परेशान न किया जाए तथा किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि यह कदम दीपावली जैसे प्रमुख पर्व पर छोटे एवं परंपरागत व्यवसायों को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
स्थानीय उत्पादों और स्व-रोजगार को मिलेगा प्रोत्साहन
कलेक्टर ने कहा कि जिले के माटी शिल्पी, ग्रामीण कारीगर और महिलाएं अपने पारंपरिक कौशल के माध्यम से न केवल स्वयं का जीविकोपार्जन करती हैं, बल्कि समाज को पर्यावरण हितैषी उत्पाद भी उपलब्ध कराती हैं। दीपावली पर्व पर इन पारंपरिक उत्पादों का उपयोग और विक्रय बढ़ाने से स्थानीय कारीगरों की आजीविका को सशक्त बनाया जा सकता है।
उन्होंने सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों से यह भी अपेक्षा की है कि स्थानीय स्तर पर इन उत्पादों के विक्रय हेतु उचित स्थान चिन्हित किए जाएं, ताकि छोटे व्यवसायियों और कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने में सुविधा हो। साथ ही, इन स्थलों पर स्वच्छता एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक सहयोग भी प्रदान किया जाए।
सभी निकायों को आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश
कलेक्टर श्री मीना ने समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और इस अवधि में किसी भी व्यवसायी या शिल्पी से शुल्क वसूल करने की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित निकाय अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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