बालाघाट, 15 अक्टूबर।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिलेभर में बालिकाओं के अधिकारों, शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में कलेक्टर श्री मृणाल मीना एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती दीपमाला सोलंकी के मार्गदर्शन में, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर बैहर की टीम ने ग्राम पंचायत मेंढकी में एक विशेष “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
बालिकाओं के अधिकार, सुरक्षा और शिक्षा पर हुई चर्चा
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से की गई। इसके पश्चात वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी और टीम सदस्यों ने उपस्थित महिलाओं, बालिकाओं एवं ग्रामीणों को बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता से संबंधित जानकारी दी।
टीम ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या एक गंभीर सामाजिक अपराध है, जो समाज की प्रगति में बाधा उत्पन्न करता है। प्रत्येक परिवार की जिम्मेदारी है कि वे बालिकाओं के जन्म और पालन-पोषण को गर्व और सम्मान का विषय मानें।
सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लाड़ली लक्ष्मी योजना, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना जैसी अनेक योजनाओं की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। ग्रामीणों को बताया गया कि इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं का परिचय
वन स्टॉप सेंटर बैहर की टीम ने बताया कि केंद्र पर महिलाओं और बालिकाओं को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की
सहायता उपलब्ध कराई जाती है —
- पुलिस सहायता,
- आश्रय एवं आपातकालीन सहायता,
- मनोवैज्ञानिक परामर्श,
- स्वास्थ्य सेवा,
- कानूनी परामर्श एवं सहायता,
- और संकट की स्थिति में हेल्पलाइन 181 (महिला हेल्पलाइन) एवं 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) की सेवाएं।
टीम ने कहा कि किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा, शोषण, यौन अपराध या मानसिक उत्पीड़न की स्थिति में महिलाएं और बालिकाएं बेझिझक इन सेवाओं का लाभ लें।
सुरक्षा एवं जागरूकता विषयों पर जानकारी
कार्यक्रम में साइबर अपराध से बचाव, गुड टच-बैड टच, बाल विवाह की रोकथाम, बालिकाओं की आत्मरक्षा, और महिला अधिकारों से संबंधित विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बालिकाओं को बताया गया कि अपनी सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शिक्षा और जागरूकता सबसे सशक्त हथियार हैं।
लैंगिक समानता और सहभागिता पर बल
कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी कहा कि समाज में लैंगिक समानता तभी संभव है जब लड़कियों को शिक्षा, रोजगार और निर्णय लेने के समान अवसर मिलें। प्रत्येक परिवार, विद्यालय और समुदाय को मिलकर बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करनी चाहिए।
कार्यक्रम में सहभागिता
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं, बालिकाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, पंचायत प्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने क्षेत्र में बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान को बढ़ावा देंगे।
कार्यक्रम का समापन "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – हर बेटी है देश की शान" के नारे के साथ हुआ।
बालाघाट जिला ब्युरो प्रहलाद गजभिये
अभयवाणी न्यूज