रायसेन। पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को शिवभक्तों की आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा। जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक दुर्ग पर स्थित प्राचीन सोमेश्वर धाम में सैकड़ों श्रद्धालु समिति के तत्वावधान में पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक एवं पूजन-अर्चन किया।
हालांकि मंदिर के भीतर प्रवेश की अनुमति न होने से भक्तों को निराशा का सामना करना पड़ा। चूंकि वर्ष 1951 में दुर्ग को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन यह संरक्षित है, इसलिए मंदिर में ताले लगे हैं और भक्तों को केवल पाइप के माध्यम से जल अर्पित करना पड़ रहा है। इससे श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है और उन्होंने शासन से सोमेश्वर मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग की है।
श्रावण के आगामी सोमवार को होंगे विशेष आयोजन
सोमेश्वर धाम समिति ने जानकारी दी है कि श्रावण मास के दूसरे सोमवार को सुंदरकांड पाठ, तीसरे सोमवार को नगर के शिवभक्तों द्वारा प्रातःकालीन कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जो नगर भ्रमण कर सोमेश्वर धाम पहुंचेगी। यहां भोलेनाथ का नर्मदा जल से जलाभिषेक किया जाएगा।
बाबा महाकाल सवारी भी बनेगी आकर्षण का केंद्र
आयोजकों ने बताया कि दूसरे सोमवार को अर्जुन नगर दुर्गा मंदिर में बाबा सोमेश्वर की भव्य झांकी स्थापित की जाएगी, जिसे नगर भ्रमण के लिए बाबा महाकाल सवारी के साथ रवाना किया जाएगा। यह यात्रा गोपालपुर मंदिर पर समापन होगी।
अंतिम सोमवार को भव्य महाआरती व 56 भोग अर्पण
श्रावण के अंतिम सोमवार को सोमेश्वर धाम में विशेष महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 56 भोग भगवान सोमेश्वर महादेव को अर्पित किए जाएंगे।
श्रद्धालु वर्ग ने एक स्वर में शासन एवं पुरातत्व विभाग से मांग की है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर को सीमित समय के लिए पूजा हेतु खोला जाए, ताकि भोलेनाथ के भक्त प्रत्यक्ष रूप से दर्शन कर सकें।