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सदियों पुरानी परंपरा, आज भी जीवित – हनुमान मंदिर में हर शनिवार भजन संध्या

Sultanganj: रायसेन जिले के सुल्तानगंज क्षेत्र की सुंदर और आध्यात्मिक वातावरण से भरपूर जुनिया घाटी स्थित सिद्ध धाम हनुमान मंदिर आज भी भक्ति और श्रद्धा का जीवंत केंद्र बना हुआ है। इस पवित्र स्थल पर कई वर्षों से लगातार जय सियाराम नाम संकीर्तन का आयोजन हो रहा है, जो कि क्षेत्र के श्रद्धालुओं और संतों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन चुका है। हर शनिवार को मंदिर परिसर में “जय सियाराम” के भक्ति रस में डूबी ध्वनि पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देती है, जहां हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर क्षेत्र की भजन मंडलियां और श्रद्धालु पूरे भाव से कीर्तन करते हैं।



राष्ट्रीय यादव संगठन के युवा प्रदेश अध्यक्ष भैया राजा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह संकीर्तन कोई एक दिन का आयोजन नहीं बल्कि वर्षों पुरानी श्रद्धा और समर्पण की परंपरा है, जिसे बिना किसी दिखावे के श्रद्धालु लगातार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस सिद्ध धाम पर पहले भी कई बार विशाल भागवत कथाएं, भंडारे और यज्ञ जैसे धार्मिक आयोजन हो चुके हैं और हर आयोजन में हनुमान जी महाराज की कृपा और उपस्थिति स्पष्ट रूप से अनुभव की गई है।


जुनिया घाटी में स्थित यह हनुमान मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बन चुका है, जहां दूर-दूर से लोग सिर्फ भगवान का नाम जपने और आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए आते हैं। हर शनिवार को यहां कीर्तन के दौरान बजते ढोलक, झांझ और मंजीरों की आवाज़ जैसे हनुमान जी की कृपा को आमंत्रित करती है। क्षेत्र की भजन मंडलियों का योगदान भी इस परंपरा को जीवंत बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।


भैया राजा का कहना है कि हमारा उद्देश्य केवल संकीर्तन करना नहीं, बल्कि युवाओं को भी इस परंपरा से जोड़ना है, ताकि वे सनातन संस्कृति और भक्ति भाव को समझें और अपनाएं।

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