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शिक्षा मे सुधार को लेकर कलेक्टर मीना सख्त - कहा - छात्र हित सर्वोपरि ।

बालाघाट
कलेक्टर मृणाल मीना ने ली स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ।
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छात्रों को समय पर किताबें और गणवेश राशि उपलब्ध कराने के निर्देश, कहा– शिक्षा गुणवत्ता में सुधार

  👉      प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता
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बालाघाट। जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और सुचारू बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री मृणाल मीना की अध्यक्षता में 4 नवंबर 2025 को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी), सभी ब्लॉक संसाधन समन्वयक (बीआरसी), तथा विभाग से जुड़े अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के शासकीय विद्यालयों में संचालित गतिविधियों, विद्यार्थियों को दी जा रही

 शैक्षणिक सामग्री, गणवेश, मिड-डे मील तथा विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा करना था।
         👉         📚            कलेक्टर ने दिए स्पष्ट निर्देश — सभी छात्रों को तुरंत मिले किताबें
बैठक में कलेक्टर श्री मीना ने कहा कि शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि जिले के किसी भी विद्यालय का छात्र किताबों से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि पाठ्यपुस्तक वितरण में यदि कहीं भी देरी हो रही है, तो बीआरसी स्वयं जाकर निरीक्षण करें और तत्काल वितरण की व्यवस्था करें।

उन्होंने कहा कि पढ़ाई में रुकावट बच्चों के भविष्य को प्रभावित करती है, इसलिए किताबों की कमी को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने सभी बीआरसी से यह भी कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि पुस्तकें छात्रों के हाथों तक पहुँचें, न कि केवल विद्यालय तक।

     👉         👕 गणवेश की राशि के लिए छात्रों की मैपिंग शीघ्र पूर्ण करें
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कलेक्टर ने बैहर और वारासिवनी विकासखंड के बीआरसी को विशेष रूप से निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में विद्यार्थियों की मैपिंग का कार्य शीघ्र पूरा करें ताकि गणवेश की राशि छात्रों के खातों में समय पर अंतरित की जा सके।
उन्होंने कहा कि यदि यह कार्य लंबित रहा तो छात्रों को गणवेश प्राप्त करने में देरी होगी, जिससे उनके विद्यालयीन अनुशासन और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि "गणवेश छात्रों की गरिमा और समानता का प्रतीक है, इसे किसी भी स्थिति में विलंबित नहीं किया जाना चाहिए।"

   👉            🧑‍🏫 अधिकारी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार                                      को   प्राथमिकता दें ।
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कलेक्टर श्री मीना ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्यों को केवल औपचारिकता के रूप में न लें, बल्कि छात्रों के हितों को सर्वोपरि मानकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे, और इसके लिए शिक्षकों तथा अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

उन्होंने कहा, “शिक्षा का स्तर सुधारना केवल एक विभागीय कार्य नहीं है, बल्कि यह समाज और प्रशासन दोनों की साझा जिम्मेदारी है। हमें ऐसे निर्णय लेने होंगे जो हमारे छात्रों के भविष्य को मजबूत करें।”

 👉     🏫 विद्यालयों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
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कलेक्टर ने सभी बीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यार्थियों की संख्या, मिड-डे मील की गुणवत्ता, स्कूल भवनों की स्थिति, पेयजल, शौचालय तथा अन्य सुविधाओं की नियमित जांच करें।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में यदि किसी प्रकार की कमी या समस्या सामने आती है, तो उसकी जानकारी तत्काल जिला शिक्षा कार्यालय को दें ताकि उसका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके।

👉      ⚠️ लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
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कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि शिक्षा से जुड़ी किसी भी योजना में लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा संचालित योजनाएं तभी प्रभावी होंगी जब अधिकारी ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा, “शासन की योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुँचना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि कोई अधिकारी इस जिम्मेदारी से चूकेगा तो वह स्वयं उत्तरदायी होगा।”     
                              👉        डीपीसी और बीआरसी की भूमिका पर विशेष जोर
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कलेक्टर ने कहा कि डीपीसी और बीआरसी शिक्षा विभाग की रीढ़ हैं। यदि ये अधिकारी अपने कार्यों में तत्पर रहेंगे तो शिक्षा व्यवस्था स्वतः सुदृढ़ होगी। उन्होंने बैठक में बीआरसी स्तर पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और कहा कि आने वाली समीक्षा बैठक में प्रत्येक बीआरसी अपनी ब्लॉकवार उपलब्धियाँ और समस्याएँ प्रस्तुत करें।

👉     शिक्षा सुधार के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक 
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बैठक के समापन पर कलेक्टर श्री मीना ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों और गणवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य के निर्माण का आधार है। इसलिए आवश्यक है कि शिक्षा विभाग, पंचायत, अभिभावक और समाज मिलकर इस दिशा में कार्य करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह मंशा है कि बालाघाट जिला शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में एक उदाहरण बने। इसके लिए हर स्तर पर ईमानदार और समर्पित प्रयास किए जाएंगे।
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