जिले में निर्धारित दर पर ही उर्वरकों का विक्रय करें, उल्लंघन पर होगी कठोर कार्रवाई
किसानों के लिए पर्याप्त उर्वरक भंडारण उपलब्ध – कलेक्टर रजनी सिंह
नरसिंहपुर। कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के मार्गदर्शन में जिले में किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। रबी वर्ष 2025-26 के लिए जिले में वर्तमान में 4915 मी.टन यूरिया, 2394 मी.टन डीएपी, 5314 मी.टन कॉम्प्लेक्स, और 7643 मी.टन एसएसपी का भंडारण किया गया है। अद्यतन स्थिति के अनुसार 3714 मी.टन यूरिया, 1046 मी.टन डीएपी, 1770 मी.टन एनपीके, और 6794 मी.टन एसएसपी उपलब्ध हैं। जिले में लगातार उर्वरकों की रैक प्राप्त हो रही हैं।
उप संचालक कृषि ने बताया कि इफको डीएपी प्लस एनपीके 3084 मी.टन की रैक 28 अक्टूबर 2025 को नरसिंहपुर रैक प्वाइंट पर लगने वाली है, जिसका वितरण शासन द्वारा निर्धारित अनुपात में किया जाएगा।
भंडारण की स्थिति इस प्रकार है —
डबल लॉक केन्द्र (मार्कफेड): 464 मी.टन यूरिया, 27 मी.टन डीएपी, 837 मी.टन एनपीके, 2259 मी.टन एसएसपी
पैक्स (समितियां): 2012 मी.टन यूरिया, 597 मी.टन डीएपी, 259 मी.टन एनपीके
एमपी एग्रो: 10 मी.टन डीएपी
निजी विक्रेता: 1056 मी.टन यूरिया, 422 मी.टन डीएपी, 674 मी.टन एनपीके, 4505 मी.टन एसएसपी
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अनुशंसित मात्रा अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग करें और डीएपी के विकल्प उर्वरकों को भी अपनाएं। समिति के सदस्य किसान अपनी-अपनी समितियों से उर्वरक क्रय करें, जबकि अन्य किसान डबल लॉक केन्द्र, विपणन सहकारी समिति, एमपी एग्रो एवं निजी विक्रेताओं से उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं।
यदि उर्वरक उपलब्धता या किसी प्रकार की समस्या हो, तो किसान निम्न अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं —
श्रीमती सुनीता मवासे पटेल, उपसंभागीय कृषि अधिकारी नरसिंहपुर (नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव) — मोबाइल नंबर 9131655751
श्रीमती पूजा पासी, उपसंभागीय कृषि अधिकारी गाडरवारा (चीचली, चावरपाठा, सांईखेड़ा) — मोबाइल नंबर 9827576645
कलेक्टर रजनी सिंह ने चेतावनी दी है कि जिले में उर्वरक निर्धारित दर पर ही बेचा जाए, अन्यथा उल्लंघन की स्थिति में कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नरसिंहपुर एक कृषि प्रधान जिला है। रबी 2025-26 में गेहूं, चना, मसूर, मटर, गन्ना और सरसों जैसी फसलों की 3 लाख 21 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में जिले में बुवाई का कार्य सतत जारी है।

