जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उप संचालक कृषि ने किया ब्रीडर सीड उत्पादन इकाइयों का निरीक्षण
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सम्राट सिंह सरस्वार एवं उप संचालक कृषि श्री फूलसिंह मालवीय ने 10 अक्टूबर को कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव (किरनापुर) का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में स्थापित धान के ब्रीडर सीड उत्पादन इकाइयों का निरीक्षण कर बीज उत्पादन की प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने ब्रीडर सीड उत्पादन कर रहे किसानों से विस्तारपूर्वक चर्चा की। किसानों ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से उन्हें समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन और परामर्श प्राप्त होता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले बीज का उत्पादन करने में सहायता मिल रही है।श्री सरस्वार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बीज उत्पादन एक अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि है, क्योंकि इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि जिले के अन्य किसानों को भी गुणवत्तापूर्ण बीज स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए ताकि जिले में आत्मनिर्भर बीज उत्पादन व्यवस्था विकसित की जा सके और किसानों को बाजार से महंगे बीज खरीदने की आवश्यकता न पड़े।
उप संचालक कृषि श्री फूलसिंह मालवीय ने बताया कि ब्रीडर सीड उत्पादन इकाइयों में नवीनतम तकनीक और उन्नत किस्मों का उपयोग किया जा रहा है। बीज की शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण एवं परीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे निर्धारित कृषि पद्धतियों का पालन करें और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकी सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाएं।
निरीक्षण के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने ब्रीडर सीड उत्पादन की प्रक्रिया, खेत की तैयारी, पौध रोपण, उर्वरक प्रबंधन, कीट एवं रोग नियंत्रण की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने बताया कि तैयार बीजों की गुणवत्ता परीक्षण के बाद उन्हें राज्य बीज प्रमाणन संस्था को प्रमाणन हेतु भेजा जाएगा।
अंत में, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सम्राट सिंह सरस्वार ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “यदि किसान वैज्ञानिक पद्धति से बीज उत्पादन करेंगे तो न केवल अपनी आय बढ़ा सकेंगे बल्कि अन्य किसानों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।” उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बीज उत्पादन करने वाले किसानों को सभी आवश्यक तकनीकी सहायता समय पर उपलब्ध कराई जाए।
यह निरीक्षण कार्यक्रम जिले में बीज उत्पादन की दिशा में आत्मनिर्भरता की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
जिला ब्युरो प्रहलाद गजभिये बालाघाट
अभयवाणी न्यूज