Type Here to Get Search Results !

रायसेन: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा करोड़ों का डैम, किसानों की सिंचाई व्यवस्था ठप, नहरें सूखी और सिस्टम बेखबर!

 रायसेन (सुल्तानपुर)। बीस साल पहले किसानों की खुशहाली और बेहतर सिंचाई व्यवस्था के सपने के साथ करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए डैम आज सिर्फ सरकारी फाइलों की शोभा बनकर रह गए हैं। सुल्तानपुर के ग्राम गुंदई में बना यह डैम न तो खेतों तक पानी पहुँचा सका और न ही किसानों की हालत सुधार सका। डैम के कुएँ पूरी तरह मलबे और कचरे से भर चुके हैं, जिससे पानी का प्रवाह पूरी तरह रुक गया है।

स्थानीय किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के कर्मचारी खुद तो सरकारी पानी से ‘सिंचाई’ कर रहे हैं, लेकिन किसानों को एक-एक बूँद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि नहरें पूरी तरह सूखी हैं और कई किसानों ने इन सूखी नहरों की ज़मीन को खेतों में मिला लिया है।

जब इस मुद्दे पर विभागीय अधिकारियों से सवाल किए गए, तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला। एक-दूसरे पर ज़िम्मेदारी डालकर मामला टाल दिया गया। यह समस्या केवल एक डैम तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सुल्तानपुर क्षेत्र में कई ऐसे डैम हैं जो कागजों में तो सक्रिय हैं लेकिन ज़मीन पर किसानों के लिए किसी काम के नहीं।

रायसेन जिले का गंभीर हालात

रायसेन जिले में सबसे अधिक डैम सुल्तानपुर क्षेत्र में हैं, फिर भी किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल रही। विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते किसान हर साल फसल खराब होने की मार झेल रहे हैं।

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तक इन भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की रिपोर्ट कभी पहुँचेगी? और अगर पहुँचेगी भी तो क्या कोई ठोस कार्रवाई होगी?







किसानों को अब उम्मीद है कि इस गहराते संकट पर सरकार गंभीरता दिखाएगी और दोषियों पर कार्रवाई करते हुए सिंचाई व्यवस्था को पटरी पर लाएगी।

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

News