“सोचिए… अगर आपके बच्चे की स्कूल वैन में 8 की जगह 15 बच्चे ठूस दिए जाएं, और बस की फिटनेस भी पूरी न हो… क्या आप निश्चिंत होकर उन्हें रास्ते पर भेज पाएंगे?” रायसेन में मंगलवार को बिल्कुल ऐसी ही लापरवाही सामने आई, जब यातायात पुलिस ने सांची रोड पर स्कूल बसों और वैनों की सख्त जांच शुरू की। यातायात प्रभारी लता मालवीय ने हर वाहन की फिटनेस, फर्स्ट एड किट, पैनिक बटन, अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपकरणों की बारीकी से जांच की, और कई वैनों में बच्चों की ओवरलोडिंग पकड़ी गई। एक वैन जिसकी क्षमता सिर्फ 8 बच्चों की थी, उसमें 15 से ज्यादा बच्चे बैठे मिले। सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल की दो बसों पर फिटनेस और PUC अधूरा होने पर 5–5 हजार का जुर्माना लगा, जबकि चार अन्य वैनों को सुरक्षा मानक पूरे न होने पर 500–500 रुपये का चालान काटा गया। यही नहीं, हेलमेट न पहनने, सीटबेल्ट न लगाने और बिना बीमा वाहन चलाने पर अब तक कुल 473 चालान बन चुके हैं, जिससे करीब 2 लाख 43 हजार 300 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। यह पूरा अभियान 26 नवंबर से बच्चों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है। अब सवाल यह—क्या स्कूलों को भी अपनी जिम्मेदारी उतनी ही गंभीरता से नहीं लेनी चाहिए? और क्या आप अपने बच्चे की बस की फिटनेस खुद कभी चेक करते हैं?

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