मंडला/मोहगांव। बिलगढ़ा हाई स्कूल में शिक्षा व्यवस्था चरमराने से नाराज़ कक्षा दसवीं के छात्रों ने मंगलवार की जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से सीधे हस्तक्षेप की मांग की। छात्रों का आरोप है कि प्राचार्या की लापरवाही और अटैच किए गए शिक्षक की अनुपस्थिति से उनकी पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
छात्रों का आरोप: पढ़ाई ठप, अध्यापक नदारद
छात्रों ने कलेक्टर को दिए आवेदन में बताया कि वर्षों से हिंदी विषय की उत्कृष्ट पढ़ाई कराने वाले अतिथि शिक्षक श्रवण झारिया को हटाकर, देवगांव स्कूल में लापरवाही के आरोपों में हटाए गए शिक्षक शत्रुघ्न सिंह मरावी को अस्थाई अटैच कर दिया गया है।
छात्रों के अनुसार—
शत्रुघ्न सिंह मरावी कक्षा में आते ही स्वयं हाई स्कूल की कक्षाएँ पढ़ाने में असमर्थता जताने लगे।
स्कूल ज्वाइन करने के बाद मात्र एक दिन ही कक्षा में पढ़ाया, उसके बाद स्कूल आना ही बंद कर दिया।
प्राचार्या पर गंभीर आरोप
छात्रों ने प्राचार्या रोशनी अग्रवाल पर भी गंभीर आरोप लगाए। छात्रों का कहना है कि—
प्राचार्या सप्ताह में तीन दिन से अधिक स्कूल आती ही नहीं।
प्रश्न–उत्तर रटवाने के अलावा कोर्स के चैप्टर नहीं पढ़ातीं, जिससे छात्रों को विषय समझ में नहीं आता।
क्या चाहते हैं छात्र?
छात्रों ने कलेक्टर से स्पष्ट मांग की है—
1. अतिथि शिक्षक श्रवण झारिया को वापस पदस्थ किया जाए।
2. प्राचार्या रोशनी अग्रवाल और अटैच किए गए शिक्षक शत्रुघ्न सिंह मरावी पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. स्कूल में नियमित कक्षाएँ संचालित हों ताकि बोर्ड परीक्षा की तैयारी प्रभावित न हो।
छात्रों ने कहा कि वे सिर्फ पढ़ाई चाहते हैं और शिक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं करेंगे।
जनसुनवाई के दौरान अफसरों की हरकत पर भी आपत्ति
कलेक्टर द्वारा तत्काल समाधान के निर्देश देने के बाद विभागीय अमला हरकत में आया। सहायक आयुक्त कार्यालय के कर्मचारी छात्राओं को चार पहिया वाहन से स्कूल भेजने लगे, लेकिन छात्राओं ने वाहन पर बैठने से इंकार करते हुए कहा—
“हमें घर जाने की जल्दी नहीं, हमारी समस्या का आज ही समाधान कीजिए।”
जल्द समाधान की उम्मीद
कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। छात्रों को उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षक व्यवस्था सुधरेगी और उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी।
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