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जल संरक्षण में रायसेन मॉडल: जल गंगा संवर्धन अभियान में 5000 एकड़ भूमि सिंचित, प्रदेश में मिला द्वितीय स्थान

 रायसेन जिले ने जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। 30 मार्च से 30 जून तक चले जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जिले में 2500 से अधिक खेत तालाबों और 23 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया, जिससे लगभग 5000 एकड़ कृषि भूमि सिंचित हो सकी। साथ ही 1687 कूप रिचार्ज पिट का निर्माण कर किसा





नों को दोनों फसलों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस व्यापक अभियान के दौरान जिले को "प्रदेश स्तर पर द्वितीय स्थान" प्राप्त हुआ है। पोर्टल पर प्राप्त 92.35 अंकों के साथ रायसेन जिला प्रदेश में जल संरक्षण के मॉडल के रूप में उभरा है। जनपद स्तर पर तालाब और कूप रिचार्ज कार्य:

बाड़ी: 329 तालाब, 183 कूप रिचार्ज बेगमगंज: 509 तालाब, 340 कूप रिचार्ज गैरतगंज: 354 तालाब, 207 कूप रिचार्ज औबेदुल्लागंज: 213 तालाब, 158 कूप रिचार्ज सांची: 366 तालाब, 161 कूप रिचार्ज सिलवानी: 490 तालाब, 144 कूप रिचार्ज उदयपुरा: 302 तालाब, 194 कूप रिचार्ज प्रमुख कार्य और नवाचार:

SIPRI ऐप से कार्यों का स्थल चिन्हांकन सिक्योर पोर्टल से स्वीकृति की प्रक्रिया माय भारत एप पर 15000 से अधिक जलदूतों का पंजीयन एवं प्रशिक्षण बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी ग्राम का पुनर्जीवन

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छता अभियान और “पानी चौपाल” जैसे कार्यक्रमों का आयोजन

सीईओ जिला पंचायत अंजू पवन भदौरिया ने बताया कि कलेक्टर के मार्गदर्शन में मनरेगा योजना के तहत जल संरक्षण से जुड़े कार्यों को प्रभावी रूप से धरातल पर उतारा गया है। यह अभियान न केवल जल संचयन में सहायक रहा, बल्कि ग्राम स्तर पर नागरिकों में जल के प्रति जागरूकता और सहभागिता को भी मजबूत किया है। रायसेन जिले की यह उपलब्धि आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगी।

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