वीवोड तकनीक से बना जिले का पहला आधुनिक पुल चंदन नदी पर 15 करोड़ की लागत से बना 250 मीटर लंबा पुल, वारासिवनी क्षेत्र को बड़ी सौगात।

बालाघाट।
बालाघाट जिले के विकास में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है। वारासिवनी तहसील अंतर्गत झालीवाड़ा से महदुली मार्ग पर चंदन नदी पर 15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 250 मीटर लंबा आधुनिक पुल लगभग पूर्ण हो चुका है। 
यह पुल वीवोड (Voided) तकनीक से निर्मित बालाघाट जिले का पहला पुल है, जिसे तय समय-सीमा से काफी पहले पूरा कर लिया गया है।लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के एसडीओ श्री अर्जुन सनोडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पुल निर्माण कार्य 16 मार्च 2024 को प्रारंभ हुआ था, जिसकी पूर्णता की समय-सीमा मार्च 2027 निर्धारित थी। बेहतर योजना, तकनीकी दक्षता एवं सतत निगरानी के चलते कार्य लगभग तीन वर्ष पहले ही पूर्णता की ओर है। वर्तमान में पुल पर रेलिंग सहित कुछ अंतिम कार्य शेष हैं, जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर यातायात शुरू कर दिया जाएगा।

     👉   15 से 20 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
********************************इस पुल के निर्माण से झालीवाड़ा, महदुली सहित आसपास के 15 से 20 गांवों के नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। किसानों को अपनी कृषि उपज बाजार तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी, विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेज आने-जाने में राहत होगी तथा व्यापार, रोजगार और आवागमन को नई गति मिलेगी।

   👉    धार्मिक आवागमन भी होगा आसान
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धार्मिक दृष्टि से भी यह पुल अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से बालाघाट जिले की धार्मिक नगरी रामपायली तक पहुंच सुगम हो जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में विशेष सुविधा मिलेगी।

 👉         स्थानीय लोगों ने जताया आभार
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स्थानीय नागरिकों ने पुल निर्माण को क्षेत्र के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है तथा शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह पुल केवल आवागमन का साधन नहीं होगा, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक विकास को भी नई दिशा देगा।

 👉          क्या होती है वीवोड (Voided) तकनीक
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वीवोड तकनीक (Voided Slab / Voided Deck Technology) एक आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक है, जिसमें कंक्रीट स्लैब के भीतर नियंत्रित रूप से खोखले स्थान (voids) बनाए जाते हैं। इससे ढांचे का कुल वजन कम हो जाता है, जबकि उसकी मजबूती और भार वहन क्षमता बनी रहती है।
इस तकनीक में कंक्रीट डालते समय विशेष प्लास्टिक या फाइबर से बने खोखले मोल्ड लगाए जाते हैं, जो कंक्रीट जमने के बाद अंदर स्थायी रूप से बने रहते हैं।

 👉        इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं—
                              👇
कम कंक्रीट से मजबूत और टिकाऊ निर्माण
लागत में कमी ।
लंबे स्पैन के पुलों का निर्माण संभव l
तेज निर्माण प्रक्रिया, समय की बचत।
बेहतर भूकंप एवं भार सहन क्षमता।
पर्यावरण के अनुकूल, कम कार्बन उत्सर्जन।

👉    बालाघाट जिले के लिए विशेष उपलब्धि
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चंदन नदी पर निर्मित यह पुल बालाघाट जिले का पहला वीवोड तकनीक आधारित पुल है। यह तकनीक अब तक बड़े शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों तक सीमित रही है। ग्रामीण क्षेत्र में इसका प्रयोग जिले के तकनीकी विकास और आधुनिक सोच का प्रतीक है। यह पुल आने वाले कई दशकों तक सुरक्षित, टिकाऊ और कम रख-रखाव वाला रहेगा, जिससे क्षेत्रवासियों को दीर्घकालीन लाभ मिलेगा।
         प्रताप गेडाम - जिला क्राइम रिपोर्टर
       

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