रायसेन ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में कार्यपालन यंत्री की कार्यशैली पर उठे सवाल — ठेकेदारों को दी जा रही छूट, समय पर नहीं हो रहे निर्माण कार्य

उपेंद्र कुमार गौतम
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रायसेन। जिले के ग्रामीण अंचलों में सड़क निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालने वाले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की कार्यप्रणाली इन दिनों सवालों के घेरे में आ गई है। विभाग के कार्यपालन यंत्री की कार्यशैली को लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है। आरोप है कि विभाग द्वारा स्वीकृत ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य ठेकेदारों द्वारा समयसीमा में पूर्ण नहीं किए जा रहे, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, विभागीय ठेकेदारों को नियमों की खुलेआम अनदेखी की छूट दी जा रही है। कार्यपालन यंत्री का व्यवहार और कार्यशैली इस पूरी लचर व्यवस्था को बढ़ावा देती दिख रही है। निर्माण कार्यों की धीमी गति और गुणवत्ता की अनदेखी के बावजूद विभाग द्वारा न तो नोटिस जारी किए जा रहे हैं और न ही किसी ठेकेदार के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हो रही है। कार्यलय में अनुपस्थिति और पत्रकारों से बचना बना सामान्य व्यवहार स्थानीय नागरिकों और मीडिया प्रतिनिधियों का आरोप है कि कार्यपालन यंत्री अक्सर अपने कार्यालय से नदारद रहते हैं। जब कोई पत्रकार अथवा आमजन उनसे मिलने पहुंचता है, तो "मीटिंग में हैं" कहकर टाल दिया जाता है। परंतु यही अधिकारी ठेकेदारों से नियमित रूप से मिलते देखे जाते हैं, जिससे **पार

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