रायसेन। प्रदेश सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए एक वीडियो बयान में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंत्री के इस बयान का महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कड़ा विरोध जताया है।
सोमवार को संयुक्त मोर्चा ICDS परियोजना अधिकारी संघ, पर्यवेक्षक संघ, तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के प्रतिनिधियों ने मिलकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन एसडीएम मुकेश सिंह को सौंपा। ज्ञापन में मंत्री श्री चौहान द्वारा किए गए कथनों को आहत करने वाला एवं विभाग की छवि धूमिल करने वाला बताया गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन एवं पारदर्शी है। भर्ती MP ऑनलाइन सेंटर के माध्यम से होती है, जिसमें किसी अभ्यर्थी को कार्यालय तक आने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अंक दस्तावेजों के आधार पर तय होते हैं, और मैरिट सूची भी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध होती है, जिसे बदला नहीं जा सकता।
संघों ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्री द्वारा दलालों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप निराधार हैं और इससे जिले के पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। संघों ने मंत्री नागर सिंह चौहान से अपने बयान पर खेद व्यक्त करने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अंजू कोरपे, परियोजना अधिकारी श्रीमती आशा सिंह, पर्यवेक्षक श्रीमती सुनीता रजक, श्रीमती विनीता अहिरवार समेत कई अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि मंत्री श्री चौहान अपने बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।