खंडेरा से खेजड़ा तक 3 किमी सड़क की बाट जोह रहे ग्रामीण — वर्षों से टूटा सड़क संपर्क, बीमार को अस्पताल ले जाना भी बना चुनौती

उपेंद्र कुमार गौतम
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रायसेन
जिले से महज़ 20 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम खंडेरा से खेजड़ा (ग्राम पंचायत निसद्दीखेड़ा) तक की महत्त्वपूर्ण सड़क विगत कई वर्षों से निर्माण की बाट जोह रही है। महज 3 किलोमीटर लंबी इस सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि अब यहां से कोई भी वाहन निकलना संभव नहीं रह गया है। परिणामस्वरूप ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बच्चे नहीं जा पा रहे स्कूल, बीमारों की जान जोखिम में

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में हालात और भी ज्यादा भयावह हो जाते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, वहीं बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाना तक मुमकिन नहीं होता। कई बार लोगों को चारपाई या कंधे पर उठा कर दूर तक ले जाना पड़ता है।

दफ्तरों के चक्कर, नेताओं से गुहार... फिर भी केवल आश्वासन

ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए, विधायक और मंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला, समाधान नहीं। अधिकारियों का कहना है कि "हमारे हाथ में कुछ नहीं है", वहीं जनप्रतिनिधियों ने आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की।

"लगातार हो रही अनदेखी, यह ग्रामीणों के साथ अन्याय"

ग्रामवासियों का कहना है कि सरकार 'गाँव की समृद्धि और विकास' की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। एक छोटी सी सड़क न बन पाना शासन की नाकामी को उजागर करता है।

ग्रामीणों की माँग: जल्द हो सड़क निर्माण या करेंगे प्रदर्शन

अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं होता है तो वे जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

यह सड़क नहीं, हमारी ज़िन्दगी की राह है सरकार कब सुनेगी?" एक ग्रामीण महिला की व्यथा

यह मुद्दा शासन-प्रशासन की उदासीनता और ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा का आईना है। अब देखना यह है कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नींद कब टूटेगी और कब इन गाँवों को सड़क सुविधा मिलेगी।

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