साउथ सिनेमा का सनातन प्रेम vs बॉलीवुड का हिंदुत्व मज़ाक

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अखंडा 2, कांतारा, हनुमान और कन्नप्पा के बहाने तीखा-चटपटा विश्लेषण

(केके रिपोर्टर)


साउथ सिनेमा और बॉलीवुड के बीच का फर्क ऐसा है जैसे मंदिर की घंटी और डिस्को का शोर। जहां साउथ सिनेमा सनातन धर्म को दिल से अपनाकर उसकी महिमा को बड़े पर्दे पर गर्व के साथ दिखाता है, वहीं बॉलीवुड सनातन को या तो हल्के में लेता है या फिर उसका मज़ाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। नंदमुरी बालकृष्ण (NBK) की अखंडा 2 की चर्चा जोरों पर है, और कांतारा, हनुमान, और आने वाली कन्नप्पा जैसी फिल्मों के साथ साउथ सिनेमा सनातन की महानता को और ऊंचा ले जा रहा है। चलिए, इस तीखे-चटपटे विश्लेषण में देखते हैं कि साउथ सिनेमा कैसे सनातन का परचम लहरा रहा है और बॉलीवुड क्यों पीछे छूट रहा है।साउथ सिनेमा: सनातन की आत्मा का उत्सवसाउथ सिनेमा में सनातन धर्म सिर्फ कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि उसकी रीढ़ है। अखंडा (2021) में NBK का किरदार—शिव भक्त, त्रिशूलधारी, मंत्रों से लबरेज—दर्शकों को झकझोर देता है। शिव लिंगम, तांडव, और सनातनी मूल्यों का भव्य प्रदर्शन देख हर सनातनी का दिल गर्व से भर गया। 60-70 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 200 करोड़ से ज्यादा कमाए, यह साबित करता है कि सनातन की कहानियां दर्शकों को कितनी पसंद हैं। अखंडा 2 का टीज़र भी यही जादू दोहराने का वादा करता है—क्रिस्टल लिंगम, डमरू, और "थांडवम" जैसे शब्द सनातन की गूंज को और बुलंद करते हैं। बोयापति श्रीनु और NBK की जोड़ी फिर से धमाल मचाने को तैयार है।फिर आती है कांतारा (2022), जिसने सनातन के साथ-साथ कर्नाटक की स्थानीय संस्कृति, भूत कोला, और पंचुरली देवता की कहानी को इतनी खूबसूरती से पेश किया कि यह पैन-इंडिया सनसनी बन गई। रिषभ शेट्टी का अभिनय, निर्देशन, और कहानी ने सनातन की जड़ों को न सिर्फ सम्मान दिया, बल्कि उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। 16 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 400 करोड़ से ज्यादा कमाए, और इसका प्रीक्वल कांतारा: चैप्टर 1 (2025 में रिलीज होने वाली) सनातन की कहानी को और गहराई देगा।

हनुमान (2024) ने तो सनातन को सुपरहीरो की शक्ल दी। तेजा सज्जा के किरदार हनुमंथु को हनुमान जी की शक्तियां मिलती हैं, और अंजनाद्रि गांव की पृष्ठभूमि में पंचभूतों का समावेश सनातन की महिमा को और निखारता है। 20 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई की, और इसका सीक्वल जय हनुमान (रिषभ शेट्टी के साथ) हनुमान जी की उत्पत्ति की कहानी को और भव्यता देगा।

आने वाली कन्नप्पा (2025) भी सनातन की एक और मिसाल है। यह फिल्म भक्त कन्नप्पा की कहानी को पेश करती है, जो एक नास्तिक शिकारी से शिव भक्त बनता है और अपनी भक्ति में आंखें तक न्योछावर कर देता है। विष्णु मांचू, प्रभास, अक्षय कुमार, और मोहनलाल जैसे सितारों के साथ यह फिल्म सनातन की भक्ति और बलिदान की भावना को दर्शाती है। हालांकि, कुछ आलोचकों का कहना है कि फिल्म की कहानी में अनावश्यक रोमांस और एक्शन डाला गया, फिर भी अंतिम 20-30 मिनट में कन्नप्पा की भक्ति दर्शकों को भावुक कर देती है।

साउथ सिनेमा में सनातन को गाय, वेद, मंदिर, और यज्ञ के साथ सम्मान मिलता है। सोशल मीडिया पर लोग कहते हैं, "साउथ की फिल्में सनातन का गर्व बढ़ाती हैं, बॉलीवुड की तरह उसका मज़ाक नहीं उड़ातीं।"बॉलीवुड: सनातन का अपमान या अनदेखी?बॉलीवुड का रवैया सनातन के प्रति ऐसा है जैसे उसे अपनी जड़ों से शर्मिंदगी हो। चाहे वह हिंदू रीति-रिवाजों को अतिशयोक्ति के साथ "पिछड़ा" दिखाना हो या फिर हिंदुत्व को "सांप्रदायिक" ठहराने की कोशिश—बॉलीवुड बार-बार सनातन को नकारात्मक रंग देता है। कुछ अपवादों को छोड़, ज्यादातर फिल्में सनातन को या तो मजाक का विषय बनाती हैं या उसे "सेक्युलरिज्म" के नाम पर किनारे कर देती हैं। सोशल मीडिया पर किसी ने ठीक कहा, "साउथ में सनातन को संस्कारों के साथ दिखाया जाता है, बॉलीवुड में उसे बस ड्रामा बनाया जाता है।"बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों में सनातन का वैसा गौरव नहीं दिखता, जैसा कांतारा में भूत कोला, हनुमान में हनुमान चालीसा, या कन्नप्पा में शिव भक्ति में है। जहां साउथ में शिव, राम, और हनुमान की महिमा गूंजती है, वहीं बॉलीवुड "वोक" और "सेक्युलर" के चक्कर में अपनी सांस्कृतिक जड़ों से कटता जा रहा है। अखंडा 2 और साउथ की सनातनी लहरअखंडा 2 के साथ NBK सनातन की उस आग को फिर से जलाने जा रहे हैं, जो अखंडा में जली थी। भव्य सेट, दमदार डायलॉग्स, और NBK का ताकतवर अभिनय सनातन के प्रति गर्व जगाएगा। कांतारा: चैप्टर 1 पंचुरली देवता की कहानी को और गहराई देगा, जय हनुमान हनुमान जी की उत्पत्ति को भव्यता देगा, और कन्नप्पा शिव भक्ति की मिसाल बनेगा। ये फिल्में न सिर्फ मनोरंजन हैं, बल्कि सनातन की आत्मा का उत्सव हैं।

बॉलीवुड को शायद यह समझ नहीं कि सनातन कोई मजाक नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। जब तक वह "सेक्युलर" के नाम पर अपनी जड़ों से भागता रहेगा, साउथ सिनेमा सनातन का परचम लहराता रहेगा। अखंडा 2 और बाकी सनातनी फिल्मों के साथ साउथ सिनेमा न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर, बल्कि दिलों पर भी राज करेगा। बॉलीवुड, जरा वेद-पुराण पढ़ लो, शायद कुछ सीख मिले!