लांजी। लांजी–किरनापुर क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते ने देश में नक्सल ऑपरेशन, आदिवासियों की हत्या, माफिया राज और पुलिस कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजा है। अपने पत्र में उन्होंने नक्सल ऑपरेशन में सर्वोच्च न्यायालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के पालन न होने का मुद्दा उठाया है।
समरीते ने कहा कि हिड़मा मड़ावी सहित कई आदिवासियों की हत्या की निष्पक्ष जांच, बालाघाट–सिवनी जिले को माफिया से मुक्त कराने तथा छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में चल रहे नक्सल ऑपरेशन को सीजफायर घोषित करने जैसे मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई आवश्यक है।
"आदिवासियों की हत्या कर ईनाम लेने की परंपरा बंद नहीं," समरीते का आरोप
समरीते के अनुसार, देश में आदिवासी राष्ट्रपति, आदिवासी मुख्यमंत्री और आदिवासी राज्यपाल होने के बावजूद नक्सल ऑपरेशन में निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि "ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर से चली आ रही आदिवासियों पर अत्याचार की परंपरा अभी भी खत्म नहीं हुई है।"
समरीते का दावा है कि वर्ष 2014 के बाद से चल रहे ऑपरेशन ग्रीन हंट में न्यायालयीय निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।
रोजगार कार्यालय और इंडस्ट्री सेंटर को लेकर भी उठाए सवाल
समरीते ने देश में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी और किसानों–मजदूरों की आत्महत्याओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकारी दफ्तर और रोजगार केंद्र “बेकार साबित” हो रहे हैं। उनके अनुसार:
- 2023 तक 10,786 किसानों ने आत्महत्या की
- 2025 तक 13,692 छात्रों ने आत्महत्या की
- 2023 तक 1,71,418 दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या
- बेरोजगारी के कारण 26,000 से अधिक आत्महत्याएँ
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से परेशान युवा शहरों में यूट्यूबर बन रहे हैं और आदिवासी अंचलों में नक्सलवाद की ओर धकेले जा रहे हैं।
बालाघाट–सिवनी में ‘माफिया राज’ के आरोप
पूर्व विधायक ने दावा किया कि बालाघाट एवं सिवनी जिलों में रेत, शराब और खनन माफियाओं का दबदबा है। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप हैं, जिनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाए कि:
- 2018–2025 के बीच 45 पुलिसकर्मियों को बिना कानूनी आधार के पदोन्नति
- बोलेगांव प्रकरण में करोड़ों रुपये की जप्ती में अनियमितताएँ
- सिवनी के खुरसुरा में नागरिक पर गोलीकांड में कार्रवाई न होना
इसके साथ ही उन्होंने नक्सली हमले में शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा की मौत की भी स्वतंत्र जांच की मांग की।
देश में अपराध, नक्सली विस्तार और गैंगस्टर गतिविधियों पर चिंता
समरीते ने कहा कि नक्सलवाद अब 9 राज्यों और 69 लोकसभा क्षेत्रों तक फैल चुका है जहाँ बड़ी संख्या में आदिवासी और युवा हथियार उठाने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारें पुलिस की गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में “नाकाम” हैं।
साथ ही उन्होंने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में बढ़ते गैंगस्टर प्रभाव पर भी सवाल उठाए।
राष्ट्रपति से मांगें
अपने पत्र में समरीते ने राष्ट्रपति से मांग की है कि—
- नक्सल ऑपरेशन में आदिवासियों के खिलाफ चल रही कथित कार्रवाई रोकी जाए।
- बालाघाट–सिवनी को माफिया मुक्त कराया जाए।
- माफिया संबंधित अवैध रिवॉल्वर/पिस्टल लाइसेंस की जांच हो।
- पुलिस कार्यशैली और संदिग्ध एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच हो।
- प्रधानमंत्री को बालाघाट–सिवनी के प्रति असफलताओं के लिए जनता से माफी माँगनी चाहिए।
Disclaimer
यह समाचार पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में किए गए आरोपों और दावों पर आधारित है। इन आरोपों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की जा सकी है। संबंधित विभागों और अधिकारियों की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। समाचार का उद्देश्य किसी संस्था, व्यक्ति या विभाग की छवि धूमिल करना नहीं है।