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रेत विवाद लेकर पुलिस जांच पर उठे सवाल - रेंगाटोला के ग्रामीण पहुंचे एस. पी . कार्यलय बोले - निष्पक्ष जांच हो पुलिस ने की एक तरफा कार्यवाही ।

वारासिवनी
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पुलिस जांच पर उठे सवाल — रेंगाटोला रेत विवाद को लेकर ग्रामीण पहुंचे एसपी कार्यालय, मनोज टेंभरे बोले पुलिस करेगी निष्पक्ष कार्यवाही, घायल नरेन्द्र राजपूत का गोंदिया में इलाज जारी ।

वारासिवनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रेंगाटोला गांव में रेत को लेकर 7 नवंबर की रात हुए विवाद का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। घटना को लगभग एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन अब पुलिस जांच की निष्पक्षता पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं।

इस विवाद में गंभीर रूप से घायल कंपनी एजेंट नरेन्द्र राजपूत का इलाज अब भी गोंदिया के एक निजी अस्पताल में जारी है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

  👉        ग्रामीण पहुंचे एसपी कार्यालय
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इस घटना से जुड़े दूसरे पक्ष के रेंगाटोला गांव के ग्रामीणों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने बुधवार को बालाघाट पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की।

ग्रामीणों के साथ पहुंचे क्षेत्रीय युवा नेता मनोज टेंभरे ने बताया कि 7 नवंबर की रात रेत ठेकेदार के गुर्गे करीब 40 से 50 की संख्या में गांव पहुंचे थे, जो चार चारपहिया वाहनों और आठ से दस मोटरसाइकिलों पर सवार थे।

ग्रामीणों के अनुसार, ये लोग शराब के नशे में थे और उनके पास धारदार हथियार थे। उन्होंने गांव में मेला समिति की बैठक से लौट रहे ग्रामीणों से गाली-गलौज की और हमला कर दिया, जिससे कई लोगों को चोटें आईं। हालांकि घायलों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

    👉      ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया एकतरफा कार्रवाई का आरोप ।
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ग्रामीणों का कहना है कि घटना की रात गांव के लोगों ने 112 डायल कर पुलिस को सूचित किया था, कि कुछ लोग गांव में आकर डरा-धमका रहे हैं और झगड़े की योजना बना रहे हैं। सूचना पर पुलिस की गाड़ी गांव पहुंची थी, लेकिन जब ग्रामीण अगले दिन वारासिवनी थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराना चाही, तो उनकी शिकायत नहीं ली गई।

    इस संबंध में युवा नेता मनोज टेंभरे ने कहा—👇
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“जब गांव के लोग डरे हुए थे और उन्होंने पुलिस से मदद मांगी, तब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, तो सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी गई है। ग्रामीणों की शिकायतों को अनसुना कर दिया गया। हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच हो, ताकि किसी निर्दोष को सजा न मिले और असली दोषी सामने आएं।”

     👉          घटना का विवरण
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उल्लेखनीय है कि 7 नवंबर की रात करीब 11 बजे, वारासिवनी थाना क्षेत्र के रेंगाटोला चौक पर रेत के लेन-देन को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था।
विवाद ने देखते ही देखते खूनी रूप ले लिया, जिसमें कंपनी एजेंट नरेन्द्र राजपूत गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल गोंदिया ले जाया गया, जहां उनकी हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।

      👉          पुलिस की कार्रवाई
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घटना के लगभग 24 घंटे बाद वारासिवनी पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने इस प्रकरण में चार नामजद आरोपियों — शुभम बिसेन, शुभम टेंभरे, कुलदीप शरणागत और शरद बिसेन — सहित आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
पुलिस ने उन पर बीएनएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला कायम किया है।

हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह एफआईआर एकतरफा है, क्योंकि इसमें केवल ठेकेदार पक्ष की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है, जबकि ग्रामीणों की ओर से दर्ज कराई जाने वाली शिकायत को पुलिस ने स्वीकार ही नहीं किया।

   👉       ग्रामीणों की मांग
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ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने एसपी से यह मांग की है कि—   👇

मामले की जांच निष्पक्ष अधिकारी से कराई जाए।
दोनों पक्षों के बयान और साक्ष्य समान रूप से दर्ज किए जाएं।

घटना की रात 112 कॉल रिकॉर्ड और पुलिस की गांव में उपस्थिति की जांच की जाए।

घायल ग्रामीणों की चिकित्सकीय रिपोर्ट भी जांच में शामिल की जाए।

         👉     गांव में तनावपूर्ण माहौल
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घटना के बाद रेंगाटोला गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि रेत के ठेकों और परिवहन को लेकर पहले से ही गांव में विरोध की स्थिति रही है।

ग्रामीणों का आरोप है कि रेत परिवहन से गांव की सड़कें खराब हो रही हैं, लेकिन ठेकेदारों द्वारा किसी प्रकार का सुधार या मुआवजा नहीं दिया जा रहा।

    👉         अधिकारियों की प्रतिक्रिया
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पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है और जांच कानूनी प्रक्रिया के तहत जारी है।

अधिकारियों ने यह भी कहा है कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होगा और जांच में सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

ग्रामीणों का कहना है —     👇      
                            “हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। न किसी को फंसाया जाए, न किसी को बचाया जाए। पुलिस दोनों पक्षों की बात सुनकर निष्पक्ष कार्रवाई करे ।

         क्राइम रिपोर्टर - प्रताप गेडाम
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