रायसेन। उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, जिला रायसेन के कार्यालय में मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण एवं सेक्स सीमन तकनीक के महत्व को समझाना रहा।
कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों ने किसानों और पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि – “दूध हमारी पूंजी है और इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान बेहद जरूरी है। नस्ल सुधार, पशु पोषण, प्रजनन और समय पर टीकाकरण से दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है।”
इस अवसर पर ‘मध्य प्रदेश की समृद्धि, दुग्ध समृद्धि’ संपर्क अभियान पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि आधुनिक तकनीकों और जागरूकता से ही राज्य दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में पशुपालकों ने भाग लिया और विभाग द्वारा दी गई जानकारी को अपने कार्य में अपनाने का संकल्प लिया।