बेगमगंज (रायसेन)।
दीनदयाल कॉलोनी में चल रहे सवा लाख रूद्री निर्माण महायज्ञ के प्रथम दिवस पर पंडित कमलेश कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि — "भगवान की भक्ति और कथा का श्रवण ही ईश्वर से मिलन का मार्ग है।" उन्होंने सावन माह के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इस पावन माह में शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म, आक आदि अर्पित करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि का वास होता है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से केवल एक लोटा जल भी शिव को अर्पित करता है तो भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर कर देते हैं।
आधुनिक शिक्षा और संस्कृति पर चिंता जताई
अपने प्रवचन में पंडित शास्त्री जी ने आज के शिक्षा तंत्र और समाज की दिशा पर भी गहरी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि,
"आज के स्कूलों में सनातन संस्कृति पर प्रहार हो रहा है। कुछ शिक्षक बच्चों को यह तक कह रहे हैं कि 'भगवान नाम की कोई चीज नहीं होती।' यह न केवल दुखद है, बल्कि सनातन मूल्यों के विरुद्ध भी है।"
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को ऐसे विद्यालयों में भेजें जहाँ उन्हें केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि सेवा, संस्कार, धर्म और वेद-पुराणों की शिक्षा भी प्राप्त हो।
बॉलीवुड और आभासी दुनिया पर भी उठाए सवाल
पंडित कमलेश कृष्ण शास्त्री ने आज के युवाओं पर बॉलीवुड के दुष्प्रभाव पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि,
"फिल्मों और टीवी ने बच्चों का मानसिक विकास बाधित कर दिया है। इनमें न कोई नैतिक शिक्षा होती है, न आध्यात्मिक संदेश। मोबाइल और आभासी दुनिया के आकर्षण में बच्चे अपने जीवन का असली लक्ष्य भूलते जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि समाज को चाहिए कि वह बच्चों को धर्म, संस्कृति और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे, तभी राष्ट्र और भविष्य दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।