फसल की सुरक्षा के लिये खेत पर तार-फेंसिंग लगाने का आधा खर्च सरकार वहन करेगी!

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फाइल फोटो

रायसेन, (06 जुलाई 2025) मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को फसल सुरक्षा के लिए एक बड़ी राहत दी है। अब राज्य में उद्यानिकी फसलों की सुरक्षा हेतु खेतों के चारों ओर तार-बाड़ (फेंसिंग) लगाने पर किसानों को आधी लागत सरकार द्वारा दी जाएगी। इसका मकसद फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाना है, जो आए दिन किसानों के लिए चिंता का कारण बना रहता है। इस योजना को राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लागू किया गया है और इसका संचालन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किया जा रहा है।


सरकार की इस पहल से अब किसान अपने खेतों के चारों तरफ मजबूत पांच तारों और खंभों वाली फेंसिंग करवा सकते हैं। विभाग की ओर से बताया गया है कि एक रनिंग मीटर फेंसिंग की लागत लगभग 300 रुपये आती है। इस हिसाब से यदि कोई किसान अपने खेत में 1000 मीटर की फेंसिंग करवाता है, तो कुल खर्च 3 लाख रुपये होगा। इस खर्च का 50 प्रतिशत यानी डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार वहन करेगी और शेष डेढ़ लाख रुपये किसान को स्वयं देना होगा।


यह योजना खासकर उन किसानों के लिए राहत बनकर आई है, जो सब्जी, फल, फूल और मसाले जैसी उद्यानिकी फसलों की खेती करते हैं। इन फसलों को जानवरों से सबसे ज़्यादा नुकसान होता है, जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो जाती है। विभाग का कहना है कि लंबे समय से किसान इस तरह की सुरक्षा योजना की मांग कर रहे थे, और अब जाकर इस योजना को ज़मीन पर उतारा गया है।


आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। जिलेवार लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं और विभागीय पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए किसान को अपनी ज़मीन के कागज़ात, फसल की जानकारी और अनुमानित फेंसिंग आवश्यकता की जानकारी देनी होगी।


आयुक्त उद्यानिकी विभाग के अनुसार, यह योजना न केवल फसल सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि किसानों में उद्यानिकी फसलों की ओर रुझान भी बढ़ाएगी। साथ ही इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि बार-बार की फसल बर्बादी से उन्हें जो घाटा होता था, वह अब नहीं होगा।


इस योजना के लागू होने से राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह कृषि क्षेत्र में केवल उत्पादन ही नहीं, बल्कि उत्पादन की सुरक्षा और किसानों की स्थिरता पर भी ध्यान दे रही है।


सरकार की यह पहल भविष्य में अन्य फसलों के लिए भी एक मॉडल साबित हो सकती है। अब यह किसानों पर निर्भर करता है कि वे इस योजना का लाभ लेकर अपनी फसलों को सुरक्षित करें और आगे बढ़ें। उद्यानिकी विभाग ने अपील की है कि इच्छुक किसान समय रहते आवेदन करें, ताकि निर्धारित बजट और लक्ष्य के अनुसार उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके।