सिलवानी! जनजातीय क्षेत्र सियरमऊ में संचालित बिरसा मुंडा जनजाति बालक छात्रावास में शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। विद्या भारती जिला रायसेन द्वारा संचालित भाऊराव देवरस सेवा न्यास के तत्वावधान में छात्रावास परिसर में आंवला और जामुन जैसे औषधीय और फलदायक पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम में वन रक्षक दीपक कौरव, स्व. प्रीति शिक्षा समिति सियरमऊ के सचिव अरविंद्र शुक्ला, सदस्य डॉ. दीनबंधु तिवारी, जिला प्रमुख श्रीराम कुशवाहा, छात्रावास अधीक्षक विजय जैन और प्रवासी कार्यकर्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पौधारोपण करना था, बल्कि छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी विकसित करना था। छात्रावास में निवासरत बालकों ने इन पौधों को केवल रोपा ही नहीं, बल्कि उन्हें जीवित रखने और नियमित देखभाल करने का संकल्प भी लिया। इस तरह की गतिविधियां जनजातीय बच्चों को प्रकृति से जोड़ने और उनके भीतर सामाजिक चेतना विकसित करने का माध्यम बनती हैं।
सियरमऊ जैसे ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्र में इस प्रकार का आयोजन यह संदेश देता है कि विकास केवल भवन निर्माण या पक्की सड़कें नहीं, बल्कि हरियाली, शिक्षा और संस्कार से ही समाज का भविष्य सशक्त होता है। यह कार्यक्रम निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हराभरा और जागरूक रास्ता तैयार कर रहा है।