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खैरलांजी के निखिल टेंभरे की प्रेरक सफलता कहानी।

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर बदली जिंदगी, CISF में मिली जिम्मेदारी।
बालाघाट जिले की खैरलांजी तहसील के ग्राम नवेगांव-तीन के युवा निखिल टेंभरे ने यह साबित कर दिया है कि यदि संकल्प मजबूत हो और दिशा सही—तो सीमित संसाधन भी सफलता की राह नहीं रोक सकते। गरीब कृषक परिवार से आने वाले निखिल ने प्रदेश सरकार की पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं का लाभ उठाकर न सिर्फ अपनी शिक्षा पूरी की, बल्कि प्रतिष्ठित सुरक्षा बल CISF में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हासिल कर ली।

 👉     शिक्षा के लिए मिला सहारा, बढ़ा आत्मविश्वास
निखिल ने अपनी पढ़ाई पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, बालाघाट में रहकर पूरी की।
बीएससी में प्राप्त किए 78% अंक
एम.ए. (पॉलिटिकल साइंस) में हासिल किए 74% अंक
उनकी मेधावी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें
स्नातक में 21,000 रुपए,
स्नातकोत्तर में 17,000 रुपए
की छात्रवृत्ति मिली, जिसने उनकी शिक्षा यात्रा को आर्थिक रूप से सहज बनाया।

 👉       मेहनत का फल—CISF में चयन

लगन और अनुशासन की राह पर आगे बढ़ते हुए निखिल का चयन CISF में आरक्षक के रूप में हुआ।
जनवरी 2025 से वे भिलाई में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
अब उनका बीसीसीएल, धनबाद (झारखंड) में पदस्थ होने का मार्ग भी प्रशस्त हो चुका है।

 "सरकारी योजनाओं ने सपनों को पंख दिए" — निखिल
निखिल टेंभरे का कहना है कि यदि उन्हें पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की योजनाओं का सहयोग नहीं मिलता, तो आर्थिक रूप से आगे पढ़ना अत्यंत कठिन था। सरकारी सहायताओं ने न केवल उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाई बल्कि करियर की राह भी खोली।
    👉       युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

निखिल की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरक उदाहरण है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। यह कहानी बताती है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ कैसे ग्रामीण प्रतिभाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।               क्राइम रिपोर्टर - प्रताप गेडाम
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                      बालाघाट

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