नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में दो बड़े बिल पेश करने वाली हैं। इन बिलों का सीधा असर सिगरेट, पान-मसाला और गुटखा बनाने वाली कंपनियों पर पड़ेगा। हालांकि उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि अभी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि सरकार मौजूदा जीएसटी के सेस को ही नए सेस से बदल रही है।
कौन-कौन से बिल पेश होंगे?
1 हेल्थ/नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025
यह बिल पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों पर नया सेस लगाने के लिए लाया जा रहा है।
कंपनियों को हर महीने एक तय रकम सेस के रूप में देनी होगी।
यह सेस उनकी उत्पादन मशीनों और क्षमता के आधार पर लिया जाएगा।
हाथ से बनने वाले (हैंडमेड) पान मसाला/गुटखा पर भी निश्चित मासिक सेस लागू होगा।
2 केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम संशोधन (Central Excise Amendment Bill)
यह खास तौर पर सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के लिए है।
अभी तक सिगरेट पर GST Compensation Cess लगता था।
यह सेस हटाकर अब इसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty) के रूप में वसूला जाएगा।
दरें लगभग वही रहेंगी, ताकि कंपनियों पर कर का बोझ कम न हो।
सरकार यह बदलाव क्यों कर रही है?
GST कम्पेन्सेशन सेस की मियाद खत्म हो रही है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि
तंबाकू और गुटखा जैसे हानिकारक उत्पाद सस्ते हों
या कंपनियों को करों में किसी प्रकार की राहत मिले
इसलिए सरकार ने नया मॉडल तैयार किया है, ताकि
इन उत्पादों पर टैक्स ऊँचा ही बना रहे
स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े सरकारी खर्चों के लिए अधिक फंड मिल सके
क्या जनता के लिए कीमतें बढ़ेंगी?
अभी के लिए नहीं।
सरकार ने कहा है कि “दरों में कोई बदलाव नहीं होगा, केवल टैक्स लगाने का तरीका बदला जा रहा है।”
उद्योग जगत में हलचल
इन बिलों के लागू होने के बाद तंबाकू और पान मसाला उद्योगों को हर महीने तय सेस का भुगतान करना होगा। इस वजह से कई छोटी कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है।
वहीं सरकार का कहना है कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में जरूरी है।

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