रायसेन जिले के बरेली-पिपरिया मार्ग पर नयागांव का 50 साल पुराना पुल मरम्मत के दौरान भरभराकर ढह गया, दो बाइकें मलबे में दब गईं, चार बाइक सवार घायल हो गए, जिनमें पूर्व CRPF जवान देवेंद्र धाकड़ की भोपाल के अस्पताल में दम तोड़ दिया। ये तीसरा झटका है भोपाल संभाग को – करीब 49 दिन पहले अक्टूबर में बिलखिरिया का स्टेट हाईवे धंसा था, 100 मीटर सड़क गायब, 304 करोड़ की लागत पर बनी ईस्टर्न बायपास की रिटेनिंग वॉल गिर गई, फिर केरवा डैम का पुल ढहा, जहां मंत्री तुलसी सिलावट ने सभी ब्रिजों के ऑडिट के आदेश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट का आज तक पता नहीं। क्यों MPRDC ने जर्जर पुल पर सिर्फ सड़क बिछा दी, 98 लाख के मेंटेनेंस खर्चे पर सेंटिंग तक न ठीक की, ट्रैफिक डायवर्ट न किया? घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता खुद मौके पर पहुँच गए। स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल,भी घटनास्थल पहुंचे, घायलों का हाल जाना, और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए – '40 साल से पुराने सभी पुलों का तत्काल ऑडिट करो, सुरक्षित बनाओ!' PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा, 'कारणों की गहन जांच होगी, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।' लेकिन कांग्रेस ने सवाल उठाए – पूर्व मंत्री अरुण यादव बोले, 'ये सिर्फ पुल नहीं, भाजपा सरकार की लापरवाही का पतन है, भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं।' विधायक विक्रांत भूरिया ने चुटकी ली, 'मरम्मत के दौरान ट्रैफिक क्यों न रोका गया? ये पुरानी लापरवाही का नतीजा है!' नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मांग की, 'जवाबदेही तय हो, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो!' मंत्री राकेश सिंह ने पलटवार किया, 'ये पुल कांग्रेस के समय बना, उनके भ्रष्टाचार का नमूना है!' सड़कें धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं – पचमढ़ी रूट 40 किमी डायवर्ट, एंबुलेंस फंस रही, स्कूल बसें लेट – ये विकास का दावा या सुरक्षा का संकट? मैनेजर एए खान सस्पेंड, तीन सदस्यीय समिति बनी, लेकिन क्या ये जांच सच्ची होगी या फाइलों में दफन?
रायसेन जिले के बरेली-पिपरिया मार्ग पर नयागांव का 50 साल पुराना पुल मरम्मत के दौरान भरभराकर ढह गया, दो बाइकें मलबे में दब गईं, चार बाइक सवार घायल हो गए, जिनमें पूर्व CRPF जवान देवेंद्र धाकड़ की भोपाल के अस्पताल में दम तोड़ दिया। ये तीसरा झटका है भोपाल संभाग को – करीब 49 दिन पहले अक्टूबर में बिलखिरिया का स्टेट हाईवे धंसा था, 100 मीटर सड़क गायब, 304 करोड़ की लागत पर बनी ईस्टर्न बायपास की रिटेनिंग वॉल गिर गई, फिर केरवा डैम का पुल ढहा, जहां मंत्री तुलसी सिलावट ने सभी ब्रिजों के ऑडिट के आदेश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट का आज तक पता नहीं। क्यों MPRDC ने जर्जर पुल पर सिर्फ सड़क बिछा दी, 98 लाख के मेंटेनेंस खर्चे पर सेंटिंग तक न ठीक की, ट्रैफिक डायवर्ट न किया? घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता खुद मौके पर पहुँच गए। स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल,भी घटनास्थल पहुंचे, घायलों का हाल जाना, और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए – '40 साल से पुराने सभी पुलों का तत्काल ऑडिट करो, सुरक्षित बनाओ!' PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा, 'कारणों की गहन जांच होगी, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।' लेकिन कांग्रेस ने सवाल उठाए – पूर्व मंत्री अरुण यादव बोले, 'ये सिर्फ पुल नहीं, भाजपा सरकार की लापरवाही का पतन है, भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं।' विधायक विक्रांत भूरिया ने चुटकी ली, 'मरम्मत के दौरान ट्रैफिक क्यों न रोका गया? ये पुरानी लापरवाही का नतीजा है!' नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मांग की, 'जवाबदेही तय हो, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो!' मंत्री राकेश सिंह ने पलटवार किया, 'ये पुल कांग्रेस के समय बना, उनके भ्रष्टाचार का नमूना है!' सड़कें धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं – पचमढ़ी रूट 40 किमी डायवर्ट, एंबुलेंस फंस रही, स्कूल बसें लेट – ये विकास का दावा या सुरक्षा का संकट? मैनेजर एए खान सस्पेंड, तीन सदस्यीय समिति बनी, लेकिन क्या ये जांच सच्ची होगी या फाइलों में दफन?

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