विश्लेषण: कृष्ण कांत सोनी/ 7354962019
इंसानियत की कुछ जड़ें अभी भी कायम हैं, लेकिन उन पर दरिंदों की कुल्हाड़ियां चल रही हैं। आज मैं आपसे बात कर रहा हूं रायसेन के गौहरगंज की उस छोटी सी बच्ची की, जो मात्र छह साल की उम्र में अपने बचपन की मासूम हंसी को खो बैठी, और हमारे समाज को ये सवाल छोड़ गई कि आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा? कल्पना कीजिए, 21 नवंबर की वो सर्द शाम, जब गौहरगंज के एक गांव की गलियों में बच्ची खेल रही थीं, हंस रही थीं, और अचानक एक 23 साल का सलमान उर्फ नजर, चॉकलेट का लालच देकर उस मासूम को जंगल की ओर ले जाता है। वहां, जहां हवा भी शायद चीखने से डर जाती हो, उसने न सिर्फ उसके साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसे खून से लथपथ छोड़कर भाग गया। बच्ची रोते-रोते घर लौटी, लेकिन उसका बचपन, उसकी निश्छल मुस्कान, सब कुछ छिन गया।
दोस्तों, ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, ये हकीकत है, जो एनसीआरबी के आंकड़ों से भी ज्यादा कड़वी सच्चाई बयान करती है – भारत में हर दिन औसतन 86 से 87 बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं, और 2021 में ही 31,677 रेप केस सामने आए, जिनमें से 96 फीसदी में आरोपी पीड़िता का परिचित ही निकला। लेकिन मध्य प्रदेश? वो तो इस लिस्ट में हमेशा ऊपर रहता है, 2023 में यहां 3,619 रेप केस दर्ज हुए, और बच्चों के खिलाफ तो 3,866 मामले, यानी हर दिन 10 नाबालिग लड़कियां ऐसी जुल्म की शिकार हो रही हैं। गौहरगंज की ये घटना कोई अकेली नहीं, बल्कि एक चेन का हिस्सा है – याद कीजिए उज्जैन की चलती कार में नाबालिग से गैंगरेप, सीधी में स्कॉलरशिप के नाम पर सात आदिवासी छात्राओं का शोषण, भोपाल के रविंद्र भवन पार्किंग में आदिवासी नाबालिग पर हमला, जबलपुर में 15 साल की लड़की की बर्बरता। ये आंकड़े नहीं, ये घाव हैं जो हर मां के सीने पर चुभते हैं, और सवाल उठाते हैं कि क्या हमारा समाज इतना संवेदनहीन हो गया है? घटना के बाद क्या हुआ?सलमान फरार हो गया, छह दिन तक वो जंगल के रास्तों से भोपाल पहुंचा, सीसीटीवी में सिगरेट खरीदते बेखौफ घूमता नजर आया, जबकि पूरा इलाका आग उगल रहा था। गौहरगंज से लेकर मंडीदीप, रायसेन, विदिशा तक चक्काजाम, स्कूल-बाजार बंद, किन्नर समाज सड़कों पर, हजारों लोग तख्तियां लिए चीखे – 'फांसी दो, एनकाउंटर करो!' सीएम मोहन यादव ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई, रायसेन के एसपी पंकज पांडे को हटा दिया, नया एसपी आशुतोष गुप्ता लाए, 20 टीमें, 300 पुलिसवाले सलमान की तलाश में जुटे, 30 हजार का इनाम घोषित। लेकिन दोस्तों, वो गुस्सा सड़कों पर था, दिलों में था, क्योंकि न्याय का इंतजार हर मिनट सजा की तरह लगता है। आखिरकार, 27 नवंबर की देर रात, भोपाल के गांधी नगर में उसे पकड़ा गया। गौहरगंज ले जाते वक्त गाड़ी पंक्चर हुई, और सलमान ने भागने की कोशिश की – थाना प्रभारी सुल्तानगंज श्यामराज सिंह की बंदूक छीन ली, फायर करने की धमकी दी। पुलिस ने जवाब में उसके पैर में गोली मार दी, शॉर्ट एनकाउंटर हो गया। लेकिन सवाल ये कि क्या ये काफी है? बच्ची अभी भी एम्स भोपाल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है, उसके परिवार का दर्द तो शायद कभी न भरे।
ये घटना हमें आईना दिखाती है – कानून हैं, पॉस्को एक्ट है, फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं, लेकिन सजा की दर? सिर्फ 27-28 फीसदी! 3.58 लाख रेप केसों में महज 5 को फांसी मिली। मध्य प्रदेश में तो 79 फीसदी केस फर्जी बताए जाते हैं, लेकिन असली पीड़ितों का क्या? वो चुप रह जाती हैं, क्योंकि समाज की नजरें, पुलिस की लापरवाही, और न्याय की धीमी चाल उन्हें तोड़ देती है। निर्भया से लेकर आज तक, हर बार सोचता हूं कि शायद अब सुधार हो, लेकिन आंकड़े चीखते हैं – 2016 से 2022 तक बच्चों पर रेप केस 96 फीसदी बढ़े।

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