बालाघाट
आयुष औषधालयों का आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) में हुआ उन्नयन । 👉 सुदृढ़ हुई आयुष स्वास्थ्य सेवा ।
आयुष चिकित्सा पद्धति के समग्र विकास, संवर्धन और आमजन तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देशभर में आयुष औषधालयों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) में अपग्रेड किया जा रहा है। इसी क्रम में जिले में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत आधार देने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. मिलिंद चौधरी ने बताया कि संचालालय आयुष मध्यप्रदेश, भोपाल के निर्देशानुसार वर्तमान में जिले में 56 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) संचालित हो रहे हैं। ये संस्थाएं आयुष आधारित समग्र चिकित्सा मॉडल को सुदृढ़ करने के साथ ही बीमारियों के बोझ और जेब से होने वाले उपचार खर्च को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन केंद्रों द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित विस्तृत स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पदस्थ चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ ग्राम एवं परिक्षेत्र में घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे कर रहे हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं अन्य गैर-संचारी रोगों से प्रभावित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें आयुष चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
👉 नियमित योगाभ्यास सत्र ।
**********************
केंद्रों में पदस्थ योग प्रशिक्षक एवं योग सहायकों द्वारा प्रतिदिन प्रातःकाल योगाभ्यास सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही ग्राम एवं परिक्षेत्र के विद्यालयों, स्वास्थ्य शिविरों और अन्य जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से भी योग सत्र आयोजित कर लोगों को योग के महत्व व लाभ से अवगत कराया जा रहा है।
👉 आयुष्मान आरोग्य शिविर
**********************
राष्ट्रीय आयुष मिशन योजनांतर्गत प्रत्येक माह आयुष्मान आरोग्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श, औषधि वितरण तथा स्वास्थ्य जागरूकता से संबंधित गतिविधियां संचालित होती हैं।
👉 आयुष जन आरोग्य समिति का गठन ।
************************
आमजन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी रूप से पहुँचाने में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयुष जन आरोग्य समिति का गठन किया गया है। यह समिति आयुष संस्थाओं के प्रबंधन, जनसहयोग, स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग तथा विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगी।
👉 पंचकर्म चिकित्सा सुविधा
**************************
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पंचकर्म चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। यह प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति वात रोग, संधिवात, कटिशूल (कमर दर्द) सहित कई रोगों में अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। यहां मूलभूत पंचकर्म प्रक्रियाएं रोगियों को प्रदान की जा रही हैं।
👉 हर्बल गार्डन की स्थापना
***************************
औषधीय पौधों के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और जनजागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र परिसर में हर्बल गार्डन विकसित किया गया है। इसमें नीम, आमलकी, अश्वगंधा, बला, ब्राह्मी, गुडुची, हरिद्रा, गिलोय, मंदूकपर्णी, निर्गुंडी, पुनर्नवा, शतावरी आदि औषधीय पौधे रोपे गए हैं। छात्रों, रोगियों और आगंतुकों को इन पौधों के गुणों व उपयोगिता की जानकारी भी प्रदान की जा रही है।
👉 जनसमुदाय से अपील
******************************
जिला आयुष अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) में पहुँचकर आयुष चिकित्सा पद्धति का लाभ उठाएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ें।