शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा में संविधान दिवस पर आयोजित हुआ विविध कार्यक्रमों का भव्य आयोजन ।
शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा में 26 नवम्बर को संविधान दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमामयी वातावरण में मनाया गया। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों एवं प्राध्यापकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पूजन-अर्चन के साथ किया गया। इसके पश्चात् संविधान निर्माण प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर तथा संविधान निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले सभी निर्माताओं को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।
👉 संविधान के महत्व पर विस्तृत उद्बोधन
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. संगीता मेश्राम ने विद्यार्थियों को संविधान दिवस की पृष्ठभूमि और महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान केवल शासन की व्यवस्था निर्धारित करने वाला दस्तावेज मात्र नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की स्थापना का मार्गदर्शक है। उन्होंने संविधान के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।
इसके पश्चात् डॉ. सुरेन्द्र कुमार खण्डायत ने संविधान के लागू होने से लेकर वर्तमान समय तक उसके क्रियान्वयन, संशोधनों और प्रभावों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संविधान ने स्वतंत्र भारत के विकास, सामाजिक परिवर्तन और लोकतांत्रिक संरचना को मजबूत बनाया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार भिमटे ने अपने उद्बोधन में संविधान में निहित मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों तथा स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे मूल सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संविधान केवल अधिकार ही नहीं देता, बल्कि नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा भी देता है।
भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के प्रभारी श्री नरेश सौलखे ने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया, प्रारूप समिति की संरचना, लंबे विचार-विमर्श और बहस के बाद तैयार हुए संविधान की विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने संविधान निर्माण के दौरान की गई चर्चाओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
👉 संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन
कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थितों द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया। वाचन के दौरान वातावरण संविधान के मूल्यों और आदर्शों से ओत-प्रोत हो उठा। विद्यार्थियों ने संविधान की भावना के प्रति अपनी आस्था और प्रतिबद्धता व्यक्त की।
👉 प्रतियोगिताओं में छात्रों ने दिखाया उत्साह
संविधान दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में भारतीय संविधान पर आधारित प्रश्नमंच प्रतियोगिता एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। छात्रों ने संविधान संबंधी तथ्यों, सिद्धांतों और अनुच्छेदों के बारे में अपनी जानकारी का शानदार प्रदर्शन किया। स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने संविधान मूल्यों पर रचनात्मक एवं प्रभावशाली संदेश प्रस्तुत किए।
👉 सफल आयोजन के लिए आभार
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. निर्मल कीर्ति गेडाम ने प्रभावशाली ढंग से किया। अंत में डॉ. देवराज चौरे ने कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन करते हुए भारतीय संविधान की समकालीन समय में उपयोगिता और प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों और आयोजकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।