बेमौसम बारिश से धान फसल को नुकसान से बचाने हेतु करें आवश्यक सावधानियाँ
बालाघाट, जिले में विगत कुछ दिनों से लगातार बेमौसम बारिश हो रही है। इस वर्षा के कारण कई स्थानों पर किसानों द्वारा कटाई के बाद खेतों में फैलाई गई धान की फसल अभी भी खेतों में पड़ी हुई है। लगातार हो रही वर्षा से खेतों में पानी भर गया है, जिसके संपर्क में धान की बालियाँ आने से उनमें नमी बढ़ गई है। इससे बालियों के अंकुरण (जर्मिनेशन) और सड़ने की समस्या सामने आ रही है।
कृषि विभाग, बालाघाट के अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे तुरंत अपने खेतों में पड़ी कटी हुई धान की फसल को गड्डे (ढेर) बनाकर खड़ा करें। इससे खेतों में जमा पानी सीधे बालियों के संपर्क में नहीं आएगा। खड़ी गड्डियों में बारिश का पानी नीचे उतर जाएगा और बालियाँ लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेंगी। इस उपाय से अंकुरण एवं सड़न की समस्या में काफी कमी आएगी।
अधिकारियों ने बताया कि जब धान की बालियाँ लगातार पानी के संपर्क में रहती हैं, तो उनमें अंकुरण शुरू हो जाता है, जिससे दाने की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में यदि समय पर सावधानी नहीं बरती गई तो फसल की बाजार मूल्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए किसान भाई अपने खेतों में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करें।
कृषि विभाग ने किसानों को सुझाव दिया ।
यदि मौसम अनुकूल हो तो कटाई के बाद की फसल को जल्द से जल्द सुखाकर सुरक्षित स्थान पर रखें।
जिन खेतों में जलभराव है, वहां पानी की निकासी का उचित प्रबंध करें।
नमी अधिक होने की स्थिति में धान को पंखे या धूप का उपयोग कर सुखाया जाए ताकि अंकुरण रोका जा सके।
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान पर ध्यान दें और फसल प्रबंधन के निर्णय उसी के अनुसार लें।
कृषि विभाग के उप संचालक (कृषि) बालाघाट ने कहा है कि यह सरल उपाय अपनाकर किसान बेमौसम बारिश से होने वाले फसल नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं। विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे मौसम की परिस्थिति पर लगातार नजर रखें और कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से आवश्यक तकनीकी सलाह प्राप्त करते रहें।
बालाघाट जिला ब्युरो प्रहलाद गजभिये


