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प्रदेश में 6 आयुर्वेदिक औषधियों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध

प्रदेश में 6 आयुर्वेदिक औषधियों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध


अमानक पाई गई बैचों की रिपोर्ट, सभी प्रदाताओं को स्टॉक वापसी के निर्देश

बालाघाट -

प्रदेश में गिलोय सत्व, कामदुधा रस, प्रवाल पिष्टी, मुक्त शुक्ति, कफ कुठार रस और लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।


जिला आयुष अधिकारी डॉ. मिलिंद चौधरी ने बताया कि विभिन्न कंपनियों की संदिग्ध बैचों के नमूने औषधीय निरीक्षक द्वारा जांच के लिए शासकीय औषधीय परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर भेजे गए थे। परीक्षण रिपोर्ट में सभी नमूने अमानक (Substandard) पाए गए, जिसके बाद जिले में इन औषधियों का क्रय–विक्रय रोक दिया गया है।


संबंधित कंपनियों के अमानक पाए गए बैच


गिलोय सत्व — बैच नं. 005-P1, शर्मायु जेन्युन आयुर्वेद, दतिया

कामदुधा रस — बैच नं. 25117002 P-1, दतिया

प्रवाल पिष्टी — बैच नं. PPMB-077, श्री धनवंतरी हर्बल्ला, सोलन (HP)

मुक्त शुक्ति — बैच नं. MSBD-059, सोलन (HP)

कफ कुठार रस — बैच नं. SB0066, डाबर इंडिया लिमिटेड, साहिबाबाद (UP)

लक्ष्मी विलास रस — बैच नं. SB0065, डाबर इंडिया लिमिटेड, साहिबाबाद



विक्रेताओं को 3 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश


डॉ. चौधरी ने जिले के सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि इन बैचों का स्टॉक तुरंत संबंधित कंपनियों को वापस करें और 3 दिनों के भीतर इसकी कार्यवाही रिपोर्ट जिला आयुष कार्यालय में जमा कराएँ।


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जिले में कहीं भी इन प्रतिबंधित औषधियों का क्रय–विक्रय होता पाया गया, तो संबंधित विक्रेता पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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