कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री मृणाल मीना के मार्गदर्शन में आगामी 13 दिसंबर 2025 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालाघाट द्वारा जिलेभर में बैंकों एवं समितियों से संबंधित कालातीत ऋण प्रकरणों के आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकरण की कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट श्री पी. जोशी ने बताया कि लोक अदालत में अधिक से अधिक ऋण प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी शाखा प्रबंधकों, पर्यवेक्षकों एवं संस्था प्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
श्री जोशी ने कहा कि “एकमुश्त समझौता योजना 2024” के अंतर्गत बैंक/समिति के कालातीत ऋण प्रकरणों को लोक अदालत में रखकर आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा, जिससे ऋणी सदस्यों को विशेष छूट एवं लाभ प्रदान किए जा सकें। इस योजना का उद्देश्य बकाया ऋणों का निपटारा सौहार्दपूर्ण वातावरण में करना तथा बैंकों एवं समितियों के वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक समिति से कम से कम पाँच प्रकरण लोक अदालत हेतु तैयार किए जाएं। इसके लिए संबंधित शाखा प्रबंधक व संस्था प्रबंधक पात्र ऋणी सदस्यों की पहचान करें, उनके बकाया ऋण की जानकारी का सत्यापन कर सूची तैयार करें और पात्र सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उन्हें लोक अदालत में भाग लेने हेतु प्रेरित करें।
श्री जोशी ने निर्देश दिए कि ऋणी सदस्यों को लोक अदालत के माध्यम से समझौते पर मिलने वाले लाभों — जैसे ब्याज में छूट, विलंब शुल्क माफी तथा ऋण की एकमुश्त निपटान सुविधा — की विस्तृत जानकारी दी जाए। साथ ही समिति एवं बैंक के कार्यक्षेत्र के ग्रामों में व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाए, ताकि अधिकाधिक लोग लोक अदालत का लाभ ले सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि शाखा प्रबंधक एवं पर्यवेक्षक योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों की सावधानीपूर्वक जांच एवं परीक्षण कर उन्हें 30 नवंबर 2025 तक बैंक मुख्यालय में प्रस्तुत करें। इसके पश्चात सभी योग्य प्रकरणों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में नियमानुसार प्रस्तुत किया जाएगा।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोक अदालत के दिन बैंक अधिकारी एवं समिति प्रतिनिधि पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित रहें, जिससे किसी भी पात्र सदस्य का प्रकरण लंबित न रहे और अधिकतम लाभार्थियों को राहत प्राप्त हो सके।
यह आयोजन ऋणी सदस्यों को राहत देने के साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास को भी सुदृढ़ करेगा।




