भोपाल। करणी सेना परिवार की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भोपाल में सम्पन्न हुई, जिसमें प्रदेशभर से पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य हरदा में हुए अन्याय के विरोध में 21 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाले “जन क्रांति न्याय आंदोलन” की तैयारियों पर विचार-विमर्श करना रहा।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि करणी सेना परिवार एवं सर्व समाज मिलकर हरदा में शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से न्याय की माँग करेगा।
हरदा घटना — न्याय की पुकार
12 जुलाई 2025 को हरदा में एक वर्ष पूर्व हुई हीरे की खरीद-फरोख्त से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में न्याय की माँग को लेकर करणी सेना के कार्यकर्ता शांतिपूर्वक प्रशासन से चर्चा के लिए पहुँचे थे। फरियादी श्री आशीष राजपूत ने जिलाध्यक्ष श्री सुनील सिंह राजपूत की सहायता से तीन आरोपियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी, किंतु एक वर्ष बाद भी न तो गिरफ्तारी हुई और न चालान पेश हुआ।
न्यायिक निष्क्रियता के विरोध में करणी सेना ने शांतिपूर्ण संवाद का प्रयास किया, परंतु प्रशासन ने लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के माध्यम से न्याय की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया। इस दौरान करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीवन सिंह शेरपुर सहित कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए। इसके बाद पुलिस बल ने राजपूत छात्रावास में प्रवेश कर निर्दोष युवाओं पर भी बल प्रयोग किया, जिससे समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया।
करणी सेना का यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि न्याय, समानता और संविधान की गरिमा की रक्षा के लिए है।
21 सूत्रीय माँग पत्र जारी
बैठक में करणी सेना परिवार द्वारा 21 सूत्रीय माँग पत्र पारित किया गया, जिसमें सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं संवैधानिक न्याय से जुड़े मुद्दों को शामिल किया गया है।
- सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के लिए SC/ST एक्ट की तर्ज पर सुरक्षा व सहायता कानून बने।
- EWS आरक्षण में भूमि-मकान की शर्त हटाकर केवल ₹8 लाख वार्षिक आय को आधार बनाया जाए।
- नियमित भर्ती कानून बने, हर वर्ष समय पर भर्तियाँ हों और बेरोज़गारों को भत्ता मिले।
- मीडिया कर्मियों की सुरक्षा समिति बने व झूठे मुकदमे वापस लिए जाएँ।
- अतिथि, स्वास्थ्यकर्मी व आउटसोर्स कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर नियमित किया जाए।
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर किसानों को फसल सुरक्षा दी जाए।
- किसानों को उपकरणों पर GST छूट और ₹11,000 प्रति बीघा मुआवजा दिया जाए।
- सवर्ण आयोग का पुनर्गठन कर उसे वित्तीय अधिकार दिए जाएँ।
- गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कर गौशालाओं का स्तर सुधारा जाए।
- प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिले।
- आरक्षकों को 2400 ग्रेड पे व होमगार्ड को समान वेतन दिया जाए।
- सरकारी स्कूलों में सुधार व निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण समिति बने।
- पूर्व सैनिकों को 10% आरक्षण और प्रत्येक जिले में सैनिक हेल्पडेस्क स्थापित हो।
- जबरन धर्मांतरण और छलपूर्वक विवाह पर सख्त कार्रवाई हो।
- लव मैरिज में माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जाए।
- आरक्षण आर्थिक आधार पर लागू हो; SC/ST में क्रीमी लेयर लागू की जाए।
- पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किया जाए।
- SC/ST एक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
- 12–13 जुलाई 2025 हरदा लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। अब तक की गई कार्रवाई संतोषजनक नहीं है, दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्यवाही हो और घटना के वास्तविक कारणों को सार्वजनिक किया जाए।
- क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ रोकी जाए और इतिहास संरक्षण समिति बनाई जाए।
यह माँग पत्र शीघ्र ही मुख्यमंत्री व संबंधित अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
संगठन सशक्तिकरण और न्याय यात्रा की रूपरेखा
बैठक में संगठन के सशक्तिकरण पर भी विस्तृत चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि शहर-शहर और गाँव-गाँव “न्याय यात्रा” निकाली जाएगी, ताकि हरदा की घटना की सच्चाई जन-जन तक पहुँचे और लोग अपने हक व अधिकार की लड़ाई को मुखर होकर लड़ सकें। इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में चल रही प्रशासनिक तानाशाही को रोकना और समाज में न्याय की चेतना जागृत करना होगा।
यह न्याय यात्रा आगामी आंदोलन की नींव बनेगी — जो सत्य, न्याय और समानता की पुनर्स्थापना के लिए समर्पित होगी।
करणी सेना परिवार का यह आंदोलन न्याय, पारदर्शिता और समाज के स्वाभिमान की रक्षा का प्रतीक है।
21 दिसंबर 2025 को हरदा में होने वाला “जन क्रांति न्याय आंदोलन” करणी सेना और सर्व समाज की संयुक्त आवाज़ बनेगा।