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“न्याय की मिसाल: वारासिवनी न्यायालय ने सुनाया ₹1 करोड़ से अधिक का ऐतिहासिक मुआवजा निर्णय”



सिवनी— न्याय की राह पर एक बड़ी मिसाल कायम करते हुए मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण, वारासिवनी ने क्लेम प्रकरण क्रमांक 2019/2022 (मोनिका विरुद्ध रामप्रसाद एवं अन्य) में आवेदक पक्ष के हक में ₹1,03,70,000 (एक करोड़ तीन लाख सत्तर हजार रुपये) का क्षतिपूर्ति अवार्ड पारित किया है। यह निर्णय 16 अक्टूबर 2025 को सुनाया गया और इसे अब तक का वारासिवनी न्यायालय का सबसे बड़ा मुआवजा अवार्ड बताया जा रहा है।

इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी सिवनी के वरिष्ठ अधिवक्ता शिशुपाल यादव, सहायक अधिवक्ता सुरेंद्र वाघाडे एवं राज ठाकुर ने की। अधिवक्ता दल ने सुप्रीम कोर्ट के कई महत्वपूर्ण निर्णयों का हवाला देते हुए प्रभावी पैरवी की, जिसके आधार पर न्यायालय ने यह ऐतिहासिक आदेश पारित किया।

निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शिशुपाल यादव ने कहा 

 “मृतक की कमी तो पूरी नहीं की जा सकती, परंतु यह निर्णय निश्चित रूप से परिवार के सामाजिक और आर्थिक स्तर का सुदृढ़ करेगा।”



कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला न्यायिक संवेदनशीलता और कानूनी दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में होने वाले मुआवजा प्रकरणों के लिए दिशा-निर्देशक मिसाल बनेगा ।।
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