ग्रेवल रोड निर्माण में घोर लापरवाही: पहली बारिश में ही सड़क खराब, ग्रामीण यांत्रिक विभाग ने लाखों का किया भुगतान सिरसौद-बेरखेड़ी मार्ग पर निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल, कार्रवाई की उठी मांग

उपेंद्र कुमार गौतम
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रायसेन रायसेन ज़िले के सिरसौद से बेरखेड़ी तक बनाई गई ग्रेवल सड़क एक बार फिर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सरकारी निगरानी व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। पहली ही बारिश में यह सड़क जर्जर हालत में पहुंच गई, जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है।

जानकारी के अनुसार, ग्रामीण यांत्रिक विभाग द्वारा इस सड़क निर्माण के एवज में ठेकेदार को लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है, जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि सड़क बारिश के पानी से बह गई है और जगह-जगह दलदल एवं गड्ढों में तब्दील हो गई है।

सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस अधिकारी ने इस निर्माण कार्य का मूल्यांकन किया, उसने सड़क की गुणवत्ता को कैसे प्रमाणित कर दिया? क्या यह मूल्यांकन सिर्फ कागजों में किया गया था?

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार एवं संबंधित मूल्यांकन अधिकारी पर सख्त कार्यवाही की जाए।

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि निर्माण में नियमों को ताक पर रखकर घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे यह सड़क महज कुछ ही हफ्तों में टूट-फूट गई।

इस प्रकरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यदि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं होगी, तो जनता का पैसा यूं ही व्यर्थ खर्च होता रहेगा और ग्रामीण इलाकों की बुनियादी सुविधाएं कभी दुरुस्त नहीं हो पाएंगी।

अब देखना होगा कि जिम्मेदार विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और लापरवाह अफसरों और ठेकेदारों को कब तक संरक्षण मिलता रहेगा।

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