अलीपुर में नकली देसी घी की फैक्ट्री पकड़ी: 1,500 किलो घी और 55 लीटर सिंथेटिक एसेंस ज़ब्त
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अलीपुर इलाके में खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नकली देसी घी बनाने वाली एक बड़ी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया। छापेमारी के दौरान मौके से 1,500 किलो तैयार नकली घी, 55 लीटर सिंथेटिक एसेंस, पैकेजिंग सामग्री और अन्य उपकरण ज़ब्त किए गए।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि फैक्ट्री मालिक ज्ञानेंद्र सिंह, निवासी बुराड़ी, पिछले कई वर्षों से सिंथेटिक सामग्री और रसायनों की मदद से नकली घी तैयार कर दिल्ली-NCR और पड़ोसी राज्यों में सप्लाई कर रहा था। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार आरोपी का यह धंधा 1995 से चल रहा था, जबकि मौजूदा पता—अलीपुर—से वह 2014 से उत्पादन और सप्लाई कर रहा था।
✔ पुलिस–FSSAI की संयुक्त छापेमारी
खाद्य सुरक्षा विभाग को उपभोक्ताओं से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि दिल्ली में बाज़ार में नकली ब्रांडेड घी की सप्लाई बढ़ रही है। सूचना पुष्ट होने के बाद इस सप्ताह मंगलवार को अलीपुर के एक औद्योगिक परिसर पर छापा मारा गया, जहां भारी मात्रा में नकली घी तैयार मिलता पाया गया।
टीम ने मौके से सैंपल लिए, मशीनरी सील की और एफएसएसएआई मानकों के उल्लंघन में फैक्ट्री को तत्काल बंद कराया।
✔ कैसे तैयार होता था नकली घी?
जांच अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री में देसी घी के नाम पर वनस्पति तेल, घटिया फैट, सिंथेटिक फ्लेवर और एसेंस मिलाकर घी तैयार किया जाता था।
तैयार माल को नकली पैकेजिंग में भरकर यह सामग्री दिल्ली, हरियाणा और यूपी के छोटे बाज़ारों में बेची जा रही थी।
✔ आरोपी पर FIR दर्ज, जांच जारी
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक ज्ञानेंद्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, उपभोक्ता सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन और खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धाराओं में FIR दर्ज की है।
पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी गई है ताकि यह पता चल सके कि सप्लाई चेन में और कौन-कौन शामिल है।
✔ वर्षों से चल रहे धंधे पर बड़े सवाल
इस कार्रवाई ने अब फूड-सेफ्टी सिस्टम पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—
जब धंधा 1995 से चल रहा था तो एजेंसियाँ इतने सालों तक कहाँ थीं?
2014 से एक ही पते से काम हो रहा था, फिर भी किसी विभाग को भनक क्यों नहीं लगी?
FSSAI, MCD, पुलिस और खाद्य विभाग की नियमित जांचें क्यों नहीं हुईं?
लाखों लोगों ने यह ज़हरीला घी खाया होगा—जिम्मेदारी कौन लेगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री रात में अक्सर सक्रिय रहती थी और ट्रकों से माल की आवाजाही होती थी।
✔ अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि सभी ज़ब्त सैंपलों की प्रयोगशाला में जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तेज की जाएगी।
उधर, पुलिस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और सप्लायर चैन की पहचान में लगी है।
---
निष्कर्ष
अलीपुर में पकड़ी गई यह अवैध फैक्ट्री इस बात का बड़ा संकेत है कि खाद्य सुरक्षा से जुड़े नियमों का लंबे समय तक पालन नहीं हुआ। दिल्ली और आसपास के राज्यों में वर्षों से लोगों की थाली में “घी” के नाम पर ज़हर परोसा जा रहा था।
अब देखना होगा कि इस मामले में सिर्फ फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई होगी या सिस्टम की उन खामियों पर भी जिम्मेदारी तय होगी, जिन्होंने इतने वर्षों तक इस धंधे को फलने-फूलने दिया।
एक टिप्पणी भेजें