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पढ़िए सेंधा नमक की सच्चाई

पढ़िए सेंधा नमक की सच्चाई 
पढ़िए सेंधा नमक की सच्चाई
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सेंधा नमक बनता नहीं, ये प्रकृति में पहले से मौजूद Rock Salt है। 

पूरे उत्तर भारत में इसे सेंधा,सैन्धव,लाहौरी नमक कहा जाता है।

क्योंकि ये सिंधु क्षेत्र की नमक पहाड़ियों से आता है। हज़ारों साल से भारतीय यही नमक खाते थे।

1930 तक भारत में समुद्री नमक कोई नहीं खाता था।

अंग्रेजी राज और विदेशी कंपनियों ने भारत में आयोडीन युक्त समुद्री नमक को प्रमोट किया ताकि अपना बिजनेस बढ़ा सकें। 

2 , 3 रुपये किलो वाला नमक 20 रुपये तक पहुँचा दिया गया।

दुनिया के कई देशों अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, डेन्मार्क ने अतिरिक्त आयोडीन नमक दशकों पहले बैन भी कर दिया। 

कारण Industrial Iodine से नपुंसकता, हार्मोनल गड़बड़ी और जनसंख्या तक कम होने लगी।

सेंधा नमक फायदे:
✔ क्षारीय, शरीर में पूरी तरह घुलनशील
✔ ब्लड प्रेशर संतुलित
✔ पाचन मजबूत
✔ त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) नियंत्रण
✔ 90+ मिनरल्स मौजूद
✔ उपवास में शुद्ध माना जाता है

समुद्री/रिफाइन्ड नमक नुकसान:
✘ शरीर में पूरी तरह नहीं घुलता
✘ ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पथरी का खतरा
✘ Industrial iodine + केमिकल्स Magnesium Carbonate, Sodium Alumino Silicate मिलाए जाते हैं
✘ शरीर की रक्त वाहिनियां सख्त होती हैं
✘ ज़्यादा पानी खींचता है, प्यास बढ़ती है

निष्कर्ष:
रोजमर्रा के खाने में सेंधा नमक अपनाइए।
आयोडीन प्रकृतिक रूप से इसकी अपनी मात्रा में मौजूद होता है। 

बाकी आयोडीन आलू, अरवी और हरी सब्ज़ियों से भी मिल जाता है।

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