जिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए आयी महिला का सिजेरियन ऑपरेशन नहीं करने का मामला
चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितिका राणा को कारण बताओ नोटिस जारी, कलेक्टर के निर्देश पर दिलाई गई क्षतिपूर्ति राशि ।
बालाघाट, जिला चिकित्सालय बालाघाट में प्रसव के लिए भर्ती हुई गर्भवती महिला का सिजेरियन ऑपरेशन नहीं करने के मामले में कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देशानुसार सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन द्वारा जिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितिका राणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जारी नोटिस में डॉ. रितिका राणा से यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनके द्वारा गर्भवती महिला का सिजेरियन ऑपरेशन न करने की स्थिति में क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा जाए। उन्हें 24 घंटे के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर अपना उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गर्भवती महिला श्रीमती शीतल पति संजू ग्वाले निवासी बालाघाट दिनांक 30 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1:40 बजे प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय बालाघाट में भर्ती हुई थीं। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितिका राणा द्वारा महिला एवं उसके परिजनों को बताया गया कि सिजेरियन ऑपरेशन के लिए अन्य चिकित्सक की भी आवश्यकता होगी। इस कारण उन्होंने सिजेरियन करने से इंकार कर दिया।
उसी दिन शाम लगभग 7:25 बजे महिला को परिजन जिला चिकित्सालय से अन्य निजी चिकित्सालय — डॉ. ममता टेम्भुर्ने के पास ले गए, जहाँ डॉ. ममता टेम्भुर्ने द्वारा श्रीमती शीतल का सफलतापूर्वक सिजेरियन ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के पश्चात् माँ और शिशु दोनों स्वस्थ हैं।
सरकारी अस्पताल में सुविधा होते हुए भी टाला गया ऑपरेशन
यह तथ्य सामने आया है कि डॉ. ममता टेम्भुर्ने के निजी चिकित्सा संस्थान में कोई विशेष अथवा अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध नहीं है जो जिला चिकित्सालय बालाघाट में न हो। इस प्रकार डॉ. रितिका राणा द्वारा जिला चिकित्सालय में सिजेरियन न करना उनके कार्य के प्रति उदासीनता और लापरवाही को दर्शाता है।
कलेक्टर श्री मृणाल मीना को जब इस मामले की जानकारी प्राप्त हुई, तब उन्होंने तत्काल सिविल सर्जन को इस विषय में जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि सरकारी अस्पताल में यदि सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, तो चिकित्सकों को मरीजों को अनावश्यक रूप से निजी संस्थानों की ओर नहीं भेजना चाहिए। यह व्यवहार न केवल चिकित्सकीय आचार संहिता के विपरीत है, बल्कि जनहित के विरुद्ध भी है।
लापरवाही पर कार्रवाई और क्षतिपूर्ति ।
कलेक्टर श्री मीना के निर्देशानुसार सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने डॉ. रितिका राणा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही, गर्भवती महिला श्रीमती शीतल पति संजू ग्वाले के सिजेरियन ऑपरेशन में हुए संपूर्ण व्यय की क्षतिपूर्ति राशि भी डॉ. रितिका राणा द्वारा महिला को प्रदान की गई है।
कलेक्टर श्री मीना ने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक मरीज को समय पर उचित उपचार मिलना चाहिए। किसी भी प्रकार की लापरवाही या टालमटोल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ✍️


