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जिला चिकित्सालय की एस एन सी यु ने बचाया नवजात का जीवन



बालाघाट 29 दिनों तक भर्ती रहने के बाद स्‍वस्‍थ हुआ शिशु

समय से पहले जन्में एवं नवजात शिशुओं के उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बालाघाट की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध हैं, जहां नि:शुल्क उपचार किया जाता है। प्रायवेट अस्पतालों में जिन सुविधाओं के लिए माता-पिता को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, वही सेवाएं यहां मुफ्त में मिल रही हैं।

इसी एसएनसीयू में उपचार के कारण एक नवजात शिशु को नया जीवन मिला है। सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने बताया कि नवजात शिशुओं के उपचार के लिए इतनी अच्छी एसएनसीयू आसपास के जिलों में भी नहीं है।

लालबर्रा तहसील के ग्राम गर्रा निवासी कुंतन पति विनोद कुर्वेति के मात्र 9 दिन के शिशु को सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के कारण गंभीर अवस्था में एसएनसीयू बालाघाट में भर्ती कराया गया था। बच्चे की सांस न चलने के कारण उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। पांच दिन बाद स्थिति में सुधार होने पर उसे सीपीएपी मशीन पर स्थानांतरित किया गया। लगातार 15 दिनों तक मशीन के सपोर्ट पर रहने के बाद बच्चे की स्थिति में पूर्ण सुधार हुआ और 29 दिनों तक भर्ती रहने के बाद 15 अक्टूबर 2025 को शिशु को डिस्चार्ज किया गया।

एसएनसीयू टीम के निरंतर प्रयासों से डिस्चार्ज के समय शिशु का वजन 1.980 किलोग्राम था और वह पूर्णत: स्वस्थ था। बच्चे की आरओपी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है।

इस सफलता के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परेश उपलप और सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने एसएनसीयू के समस्त स्टाफ को बधाई दी है तथा कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार मानव सेवा की भावना से कार्य करते रहें।

बालाघाट जिला ब्युरो प्रहलाद गजभिये
       अभयवाणी न्यूज
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