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सरकारी डॉक्टर ने निजी क्लीनिक में की ड्यूटी! भंडेरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत बिसेन और निदान मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी

 शासकीय चिकित्सक के प्राइवेट अस्पताल में सेवाएं देने का मामला – डॉ. इंद्रजीत बिसेन और क्लीनिक संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी

सरकारी डॉक्टर ने निजी क्लीनिक में की ड्यूटी! भंडेरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत बिसेन और निदान मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी
फाइल कॉपी 

बालाघाट । स्वास्थ्य केंद्र भंडेरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत बिसेन पर नियम विरुद्ध प्राइवेट अस्पताल में सेवाएं देने का आरोप लगा है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परेश उपलप ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। साथ ही, शासकीय चिकित्सक की सेवाएं लेने वाले निदान मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक बालाघाट रोड बैहर की संचालक श्रीमती स्वाति बिसेन को भी नोटिस दिया गया है कि क्लीनिक का पंजीयन निरस्त क्यों न किया जाए।


अधिकृत अधिकारी डॉ. निशांत नंदा गौली द्वारा 15 अक्टूबर 2025 को शाम 5:10 बजे निदान मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि शासकीय चिकित्सक डॉ. इंद्रजीत बिसेन वहां मरीजों का इलाज कर रहे थे। क्लीनिक की ओपीडी पर्ची, रोगी फाइल और फ्लेक्स बैनर में भी उनका नाम और सेवा का समय (दोपहर 1 से 3 बजे, शाम 4 से 8 बजे तक) अंकित पाया गया।


निरीक्षण में कई गंभीर अनियमितताएं भी सामने आईं —

क्लीनिक के अधिकृत चिकित्सक डॉ. संदीप मोरे मौके पर मौजूद नहीं थे, उनके पंजीयन और योग्यता प्रमाणपत्र भी प्रदर्शित नहीं थे।

क्लीनिक में एक्स-रे मशीन तो थी, लेकिन एईआरबी पंजीयन प्रमाणपत्र, रेडिएशन चेतावनी संकेत और रेडियोग्राफर का पंजीयन प्रमाणपत्र नहीं मिला

पेथोलॉजी लैब में कार्यरत टेक्नीशियन अनुप देशमुख के योग्यता और पंजीयन प्रमाणपत्र भी उपलब्ध नहीं थे।

लैब में डॉ. लाल पैथोलॉजी, नई दिल्ली के कोरे रिपोर्टिंग लेटरहेड पर स्थानीय स्तर पर जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही थी, जो कि अवैधानिक पाया गया


निरीक्षण के समय पाया गया कि 15 अक्टूबर को रेडियोग्राफर अनुपस्थित था, फिर भी 5 एक्स-रे किए गए, जिनके बारे में डॉ. बिसेन ने बताया कि अस्पताल के अन्य व्यक्ति द्वारा कराए गए थे।


इन अनियमितताओं को देखते हुए डॉ. इंद्रजीत बिसेन को तीन दिनों के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, श्रीमती स्वाति बिसेन को भी इसी अवधि में पेश होकर जवाब देने के लिए कहा गया है, अन्यथा क्लीनिक का पंजीयन निरस्त किया जा सकता है।


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