रायसेन में नकली खाद कांड: किसान जागृति संगठन ने पीड़ित किसानों को एक लाख मुआवजे की मांग की, दोषियों पर रासुका लगाने की मांग

उपेंद्र कुमार गौतम
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रायसेन।

रायसेन जिले के ग्राम बागोद में नकली खाद की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद मामला गरमाता जा रहा है। आज किसान जागृति संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने रायसेन एसडीएम मुकेश कुमार को ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर के नाम गम्भीर मांगें रखीं। संगठन ने मांग की है कि नकली खाद से प्रभावित किसानों को आरबीसी 6(4) के तहत प्रत्येक को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि वे दोबारा अपनी फसलें बो सकें और आर्थिक रूप से उबर सकें।

ज्ञापन में बताया गया कि 24 जुलाई 2025 को ग्राम बागोद में 92 बोरी नकली डीएपी खाद जब्त की गई थी, जिसे बाद में सलामतपुर थाने में सुरक्षित रखा गया। संगठन का आरोप है कि खाद वितरण केन्द्रों पर डीएपी की कमी के कारण कालाबाजारी और नकली खाद का व्यापार चरम पर है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति भी खराब हो रही है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि नकली खाद और कीटनाशक देश की कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था को सीधा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए इन आपराधिक गतिविधियों में लिप्त माफियाओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका), आवश्यक वस्तु अधिनियम, कृषि उर्वरक अधिनियम समेत अन्य कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए।

संगठन ने यह भी मांग रखी कि रायसेन जिले की सभी कृषि रसायन दुकानों की नियमित जांच की जाए, ताकि किसानों को अमानक कीटनाशकों और खाद से बचाया जा सके।

ज्ञापन देने वालों में इरफान जाफरी, राजेंद्र कुमार (रज्जू भैया), रंजीत यादव, बशीरुद्दीन, विजय चौकसे, नारायण सिंह राजपूत, रामस्वरूप राठौर, जमुना लोधी, बबलू प्रजापति, शफीक खान, भारत सिंह, सुरेश प्रसाद, आजम खान, आरिफ खान, नरेश अहिरवार, सरपंच जैद मोहम्मद समेत अनेक किसान मौजूद रहे।

यह मामला अब केवल स्थानीय प्रशासन ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन के उच्चस्तर पर भी ध्यान देने योग्य बन गया है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो किसानों का आक्रोश और गहरा सकता है।


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