कलीम कामरेड के निवास जाकर अधिकारियों ने सौंपा म.प्र. शासन का सम्मान पत्र
सिवनी। 26 जून 1975 को भारत में अपातकाल लगा था उस समय लोकतंत्र को अक्षूण्ण बनाये रखने और नागरिकों के अधिकारों के लिए कई लोगों ने कठोर यातनाएं सहते हुए जेल में भी रहे जिसमें सिवनी जिले के भी कई लोग शामिल थे। बताया जाता है कि उस समय 21 मार्च 1977 को अपातकाल समाप्त हुआ था। वर्तमान में जो लोक अपातकाल के समय जेल में बंद थे उन्हें मीसाबंदी को मिलने वाली सुविधाएं दी जा रही है। म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन सभी लोकतंत्र सेनानियों को म. प्र. शासन के सम्मान पत्र से सम्मानित किया जिन्होने उस समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। सिवनी के हाजी अ. करीम भी ऐसे मीसाबंदियों में शामिल थे जो अपातकाल के दौरान जेल में रहे। म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिवनी के मीसाबंदियों को भी सम्मान पत्र से सम्मानित किया। चूंकि हाजी अ. करीम का निधन हो चुका है ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारी उनके सुपुत्र कलीम कामरेड के निवास स्थान पर पहुंचे और अपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर कलीम कामरेड को ताम्र पत्र प्रदान किया।