73 वर्षों की सेवा, संस्कार और संगठन — मंडला में वनवासी विकास परिषद का भव्य स्थापना दिवस

Mandla mein Vanvasi Vikas Parishad ke 73ve sthapna divas samaroh mein upasthit atithi aur karyakarta
मंडला में वनवासी विकास परिषद के 73वें स्थापना दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम


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मण्डला। वनवासी विकास परिषद मंडला समिति बिछिया द्वारा संस्था का गौरवशाली 73वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। दो दिवसीय इस आयोजन में 26 दिसंबर को प्रात: रामधुन का आयोजन किया गया। जिसका समापन 27 दिसंबर को हुआ और मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मप्र शासन की मंत्री श्रीमति संपतिया उईके उपस्थित रही है उन्होंने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि वनवासी विकास परिषद पूरे देशभर में जनजातीय एवं वनवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक संगठन है। इसकी स्थापना 1952 में हुई थी। परिषद का मूल उद्देश्य यह है कि वनवासी समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान स्वाभिमान और परंपराओं को सुरक्षित रखते हुए शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में सशक्त बने। वनवासी विकास परिषद समाजिक धार्मिक कार्यो के साथ शिक्षा के क्षेत्र में 73 वर्ष से काम कर रहा है। अंतिम छोर के व्यक्ति को शिक्षा का लाभ मिल सकें। इस उद्देश्य से पूरे देश में काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आश्रम कार्यालय में जो भी समस्याएं हैं उनका निराकरण किया जाएगा विद्युत लाइन सिप्टिंग को लेकर विधायक निधि से राशि देने घोषणा की वहीं मंडला में भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए की राशि देने की बात कहीं। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता कर रहे बच्चों को भी प्रोत्साहन राशि देने की बात कहीं। इस दौरान मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सहसंगठन मंत्री केन्द्र गोवाहटी असम रमेश बाबू जी ने कहा कि वनवासी विकास परिषद  सामाजिक धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कार के लिए भी काम करता है। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार की अत्यंत जरूरत है। जिसको लेकर वनवासी विकास परिषद पूरे देश में काम कर रहा है। संस्था सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रह रहे भाई बहनों के मध्य संस्कृति, परंपरा तथा तू मैं एक रक्त की भावना को जागृत करते हुए समाज सशक्तीकरण हेतु महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष वनवासी विकास परिषद मंडला कैलाश डेहरिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यवक्ता रमेश बाबू जी 1987 से कल्याण आश्रम पूर्णकालीन कार्यकर्ता प्रांत संगठन मंत्री नागाराज्य असम अरूणांचल प्रदेश, क्षेत्र श्रृद्धा जागरण प्रमुख उत्तर पूर्व क्षेत्र रहते हुए 2021 से सहसंगठन मंत्री के रूप में पूरे देश में मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। अध्यक्ष ने  जिला समिति के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। वहीं जिला सचिव मुकेश तिलगाम ने कहा कि वनवासी विकास परिषद का कार्य देश के लगभग सभी राज्यों में फैला हुआ है विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां जनजातीय आबादी अधिक है। परिषद का संचालन स्थानीय कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के माध्यम से होता है जो स्वयं उसी समाज से जुड़े होते हैं। इससे कार्यों में विश्वास अपनापन और स्थायित्व बना रहता है। परिषद शिक्षा को विकास का सबसे मजबूत आधार मानती है। इसके अंतर्गत छात्रावास, एकल विद्यालय, संस्कार केंद्र और आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जाता है। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष जगत मरावी ने कहा कि दूर-दराज के वनवासी क्षेत्रों में जहां सरकारी सुविधाएं सीमित होती हैं वहां परिषद बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सहयोग प्रदान करती है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार देशभक्ति और सामाजिक दायित्व का भी बोध कराया जाता है। वनवासी विकास परिषद स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम ने कहा कि वनवासी विकास परिषद वनवासी समाज की परंपराओं भाषा, लोककला और उत्सवों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देती है। साथ ही सामाजिक कुरीतियों को दूर करने नशामुक्ति स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और अधिकारों के प्रति जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के समय परिषद राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय रहती है। भोजन, वस्त्र, चिकित्सा और पुनर्वास की व्यवस्था कर प्रभावित परिवारों को सहारा दिया जाता है। इस प्रकार वनवासी विकास परिषद पूरे देश में सेवा, संस्कार और संगठन के माध्यम से वनवासी समाज के समग्र उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस दौरान मंचासीन अतिथियों में वनवासी विकास परिषद उपाध्यक्ष मंडला जगत सिंह मरावी, जिला सचिव मुकेश तिलगाम, संरक्षक झल्लू लाल तेकाम, उपाध्यक्ष श्रीमति रजनी मरावी, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, जिला पंचायत सदस्य नीरज मरकाम मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम आरंभ में अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वालन किया गया और सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राओं के द्वारा गीत प्रस्तुत किए गए। इस दौरान अतिथियों का शॉल श्रीफल से सम्मान किया गया। कार्यक्रम में एकलव्य बालक छात्रावास के पूर्व छात्रों ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति नैनसिंह एवं साथियों के द्वारा दी गई। वहीं सामुहिक नृत्य कन्या शिक्षा परिसर पड़रिया की छात्रों ने प्रस्तुत किया। वहीं बैगा नृत्य का आयोजन भी किया गया। इस दौरान नृत्यक दलों को प्रोत्साहन राशि भी दी गई। वहीं संस्था को भूमि दान करने वाले स्वर्गीय तेजसिंह तेकाम की बहू श्रीमति रेणुका तेकाम का मंच से शॉल श्रीफल से सम्मान किया गया। आभार प्रदर्शन जिला उपाध्यक्ष जगत मरावी ने किया। कार्यक्रम में अध्यक्ष छात्रावास समिति आजाद चौबे, संरक्षक किशोरी लाल साहू, कोषाअध्यक्ष अशोक नानकानी, राजू कुड़ापे, नैनवती कुड़ापे, प्रमोद निम्बालकर, नीरज जैन, नीरज अग्रवाल, श्रीमति उमा यादव, श्रीमति सुनीता सैयाम, किशोर रजक, अरूण बैरागी, देवीप्रसाद यादव, नीरज भट्ट, श्रीमति शशि पटैल, अतुल कुश्मरिया, शारदा सोनी, श्रीमति सीता परतेती, रोहित अग्रवाल, भाजपा नेता डॉ विजय आनंद मरावी के साथ अन्य कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित रहे। वहीं मंच का संचालन बलरामपुरी गोस्वामी के द्वारा किया गया। 

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