टिकट सेकंडों में गायब… दलाल मालामाल… और रेलवे जनता से वसूले लाखों-करोड़!
सोशल मीडिया (X) पर निकला लोगों का गुस्सा — “ये सेवा है या खुला डाका?”
नई दिल्ली। आईआरसीटीसी की तत्काल टिकट बुकिंग और रिफंड व्यवस्था पर देशभर के यात्रियों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। हर दिन हजारों लोग टिकट न मिलने, वेटिंग से ऑटो-कैंसिल होने, भारी कटौती और दलालों के दबदबे को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया (X) पर लोगों का फूटा गुस्सा और भरोसा टूटता दिख रहा है।
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⭐ टिकट सेकंडों में किसके सिस्टम में जाती हैं?
आम यात्री कहते हैं कि 10 बजे साइट खुलते ही 10:00:30 पर सोल्ड आउट!
लेकिन दलाल चंद सेकंड में कन्फर्म टिकट निकाल लेते हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने साफ कहा—“ये हैक नहीं, अंदरखाने का पूरा खेल है।”
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⭐ सोशल मीडिया (X) पर लोगों के तगड़े सवाल—ID सहित पढ़िए प्रतिक्रियाएँ
Abhinav Yadav (@talk_A_to_Z)
“दलाल की टिकट कुछ सेकेंड में बुक हो जाती है, आम आदमी घूमता रह जाता है।”
Aar Kay (@RajeshP1)
“अब टिकट मिलती नहीं… पैसा भी पूरा वापस नहीं मिलता। ये कैसा सिस्टम है?”
Dhakelu Baba (@DhakeluBaba)
“वेटिंग से ही टिकट शुरू होती है। असली बुकिंग तो वेबसाइट लाइव होने से पहले हो चुकी होती है।”
FactSeFry (@Fact_Se_Fry)
“IRCTC कहता है फर्जी IDs ब्लॉक कीं, लेकिन टिकट फिर भी नहीं मिलता… आखिर खेल कहाँ है?”
Monika Singh (@MonikaS88067)
“तत्काल बुकिंग एक जंग है—जिसमें आम आदमी हारता है। 10:01 में सोल्ड आउट? टिकट जाती कहाँ हैं?!”
Lokesh Sr (@LokeshBsnl_)
“IRCTC ने खुद दलाल पाल रखे हैं… उनकी मदद के बिना इतना तेज बुकिंग संभव ही नहीं।”
Tea Spot (@tea_spot_)
“पहले लगा मेरा नेट स्लो है, बाद में समझ आया—यहाँ बड़ा फ्रॉड चल रहा है।”
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⭐ रेलवे मंत्रालय से जनता का सीधा सवाल
ट्विटर पर तेजी से वायरल हुए सवाल अब रेलवे की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप खड़े कर रहे हैं—
1️⃣ वेटिंग टिकट ऑटो-कैंसिल होने पर बिना यात्रा किए ₹60 + GST क्यों काटते हो?
2️⃣ पूरा पैसा लेने के बाद भी कन्फर्मेशन की गारंटी नहीं, और जब यात्रा नहीं होती तो 25–30% सर्विस चार्ज क्यों?
3️⃣ 2022–23 में सिर्फ टिकट कैंसिलेशन से 2110 करोड़ कमाए! फिर भी कहते हो रेलवे घाटे में चल रहा है?
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❗ पूछता है भारत: रेलवे कब देगा जवाब?
तत्काल टिकट जनता के हाथ क्यों नहीं आ पाती?
दलालों को सेकंडों में बुकिंग की सुविधा कौन देता है?
बिना सेवा दिए कटौती क्यों?
कैंसिलेशन से कमाए हजारों करोड़ का हिसाब कौन देगा?
देश पूछ रहा है—
ये राष्ट्रसेवा है या डिजिटल डकैती? रेलवे सच कब सामने लाएगा?
“यह आरोप सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से व्यक्त किए गए हैं, रेलवे की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार है।”