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फार्मेसी एक्ट का उल्लघंन - जिला प्रशासन ने दो मेडिकल स्टोर्स किए सील ।

फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर संचालन पर दो मेडिकल स्टोर्स सील

जिला प्रशासन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन पाए जाने पर जारी हुआ नोटिस ।
कलेक्टर श्री मृणाल मीना के निर्देशानुसार जिले में संचालित औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की सघन जांच की जा रही है। इसी कड़ी में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जिला प्रशासन एवं पुलिस बल के सहयोग से 11 नवंबर 2025 को बालाघाट शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में औचक निरीक्षण अभियान चलाया।

इस अभियान के दौरान वेलकेयर फार्मेसी भटेरा चौकी एवं जेनेरिक फार्मेसी भटेरा रोड, बालाघाट को फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में संचालन करते पाए जाने पर सील बंद कर दिया गया। यह कार्रवाई औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 1940 तथा फार्मेसी एक्ट, 1948 के प्रावधानों के उल्लंघन के अंतर्गत की गई।
संयुक्त टीम ने कई औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का किया निरीक्षण

जिले में औषधियों की बिक्री, भंडारण और वितरण को नियमानुसार संचालित करने के उद्देश्य से औषधि निरीक्षक श्री जय प्रकाश कुमार, नायब तहसीलदार श्रीमती मंजुला महोबिया, तथा पुलिस बल की संयुक्त टीम ने यह निरीक्षण किया।

इस दौरान टीम ने वेलकेयर फार्मेसी, डहरवाल मेडिकल, मां बिंदेश्वरी मेडिकल, लिल्हारे मेडिकल, कृष्णा मेडिकल, एवं जेनेरिक फार्मेसी सहित कई प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण में दवाओं के बिल और खरीद रजिस्टर, फार्मासिस्ट पंजीयन प्रमाणपत्र, लाइसेंस दस्तावेज, स्टॉक रजिस्टर, मूल्य नियंत्रण के अनुपालन, तथा औषधि वितरण की शर्तों की गहन जांच की गई।

   👉   फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा विक्रय कानून का गंभीर उल्लंघन

निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट पाया गया कि वेलकेयर फार्मेसी (भटेरा चौकी) और जेनेरिक फार्मेसी (भटेरा रोड) पर औषधियों की बिक्री पंजीकृत फार्मासिस्ट की उपस्थिति के बिना की जा रही थी।
नियमों के अनुसार, किसी भी मेडिकल स्टोर पर दवा की बिक्री केवल पंजीकृत एवं योग्य फार्मासिस्ट की निगरानी में की जा सकती है।

फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में औषधियों की बिक्री न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि इससे जन स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इस स्थिति में गलत दवा वितरण, मात्रा की त्रुटि या गलत परामर्श से मरीजों को नुकसान होने की आशंका रहती है।

    👉       दो मेडिकल स्टोर्स सील, नोटिस जारी

जांच के दौरान दोनों प्रतिष्ठानों के संचालकों से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया, किन्तु आवश्यक प्रमाणपत्र व लाइसेंस न दिखाने पर जिला प्रशासन एवं औषधि विभाग की टीम ने मौके पर ही दोनों मेडिकल स्टोर्स को सील कर दिया।

विभाग द्वारा दोनों दुकानदारों एवं संबंधित फार्मासिस्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी दिनों में उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस निरस्तीकरण या स्थायी प्रतिबंध की कार्रवाई भी संभव है।

          👉  कानूनी प्रावधान और दंड

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि फार्मेसी एक्ट एवं औषधि अधिनियम के तहत बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट की उपस्थिति में औषधियों का क्रय-विक्रय करने पर तीन माह की सजा, दो लाख रुपये तक का जुर्माना, अथवा दोनों दंड का प्रावधान है।

साथ ही फार्मेसी काउंसिल, मध्यप्रदेश द्वारा ऐसे मामलों में फार्मासिस्ट के पंजीयन के निलंबन या निरस्तीकरण की अनुशंसा भी की जा सकती है।

         👉 जिला प्रशासन का सख्त संदेश

कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने कहा कि जिले में दवा विक्रय के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औषधि विक्रेताओं को नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसे प्रतिष्ठानों की नियमित रूप से जांच की जाए, ताकि आम नागरिकों को सुरक्षित और प्रमाणिक औषधियाँ ही उपलब्ध हों।

डॉ. उपलप, पदेन उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कहा कि विभाग द्वारा आगे भी जिलेभर में औचक निरीक्षण अभियान जारी रहेगा। जो भी मेडिकल स्टोर फार्मेसी एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

        👉  जागरूकता का संदेश
औषधि विभाग ने जिले के सभी औषधि विक्रेताओं एवं आम उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे केवल पंजीकृत फार्मेसी से ही दवाएं खरीदें। ग्राहकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दवा देते समय लाइसेंस और फार्मासिस्ट की उपस्थिति की जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध हो।

विभाग का कहना है कि जनसामान्य की सुरक्षा के लिए यह व्यवस्था आवश्यक है, ताकि नकली या गलत दवाओं से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।

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