Advertisement

Responsive Advertisement

कर्ज में डूबे प्रदेश को 200 करोड़ का झटका… फिर भी कार्रवाई नहीं! परिवहन मंत्री से समरीते का जवाब-तलब

कर्ज में डूबे प्रदेश को 200 करोड़ का झटका… फिर भी कार्रवाई नहीं! परिवहन मंत्री से समरीते का जवाब-तलब
पूर्व किशोर समरीते


प्रदेश सरकार 4 लाख 10 हजार करोड़ के घाटे में और 200 करोड़ की राजस्व क्षति पहुंचाने वाला परिवहन अधिकारी सुरक्षित कैसे: किशोर समरीते

परिवहन मंत्री से मांगा जवाब, बालाघाट जिले में कैसे हो रहा है अवैध बसों का संचालन

बालाघाट /लांजी। पूर्व विधायक एवं संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते द्वारा लगातार जिले के परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाले एवं सालेटेकरी-दमोह, लांजी से हैदराबाद चलने वाली बसों के संचालन को लेकर अपने बयान जारी कर रहे है। शनिवार 22 नवंबर को पुन: श्री समरीते ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा की इस समय मध्य प्रदेश सरकार 4 लाख 10 हजार करोड़ के घाटे में है और लगातार सरकार निजी क्षेत्रों से कर्ज ले रही है, बीते समय में प्रदेश सरकार द्वारा मंडी बोर्ड से 1500 करोड़ का कर्ज लेकर अपनी स्थिति में सुधार लाने की कोशिश कर रही है। वहीं प्रदेश के परिवहन मंत्री जिनके पास जिले का प्रभार भी है उनके रहते हुए कैसे जिले में अवैध परमिटों पर बसों का संचालन किया जा रहा है। उन्होने कहा 200 करोड़ की राजस्व क्षति पहुंचाने वाला परिवहन अधिकारी कैसे बिना शासन-प्रशासन से भयमुक्त होकर धड़ल्ले से अपनी जेब गर्म कर रहा है और परिवहन मंत्री मौन हैं। बड़ा दुर्भाग्य का विषय है की परिवहन मंत्री के पास जिले का भी प्रभार है परंतु प्रभारी मंत्री के जिले में ही परिवहन व्यवस्था की यह स्थिति है। साथ ही नियमानुसार क्लास 1 एवं क्लास 2 अधिकारी एक स्थान पर लगभग 3 वर्षों की सेवा दे सकते है उसके बाद उनका स्थानांतरण हो जाना चाहिए परंतु बालाघाट जिले में परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाले पिछले 7 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ है जिन्हें अब तक स्थानांतरित नहीं किया जाना संदेहास्पद है।

बिना कलेक्टर की मंजूरी के कैसे जारी की गई रेट लिस्ट... .

दूसरी ओर सालेटेकरी-दमोह, लांजी से हैदराबाद जाने वाली बसों के संचालकों द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद से बसों के परिवहन में कमी कर दी है। 22 नवंबर को भी जहां कभी 15 बसें इस मार्ग पर दौड़ रही थी महज आधा दर्जन बसें ही मुश्किल से जा पाई। वहीं बस संचालकों द्वारा इस मार्ग के बसों के संचालन के लिये बिना प्रशासनिक अनुमति एक नियमावली बनाई है जो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है। इस पर श्री समरीते का कहना है की परिवहन सेवा में बिना कलेक्टर एवं परिवहन अधिकारी की अनुमति कोई भी बस संचालक अपनी नियमावली जारी नहीं कर सकते परंतु सालेटेकरी-दमोह, लांजी से हैदराबाद रूट पर बस चलाने वाले बस संचालक पूरी तरह बेलगाम हो चुके है और उन्हें प्रशासन का जरा भी खौफ नहीं है जिसके कारण वे अपराध पर अपराध किये जा रहे है और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इस मामले में कलेक्टर बालाघाट को तुरंत संज्ञान लेकर कार्यवाही करना चाहिए।

क्या लिखा है नियमावली में....

सालेटेकरी-दमोह, लांजी से हैदराबाद रूट के बस संचालकों द्वारा आमसहमति से एक नियमावली जारी की गई जिसमें लिखा है की किसी भी बस में दमोह सालेटेकरी से यात्री किराया 1000/- एवं लांजी, रजेगॉव, गोंदिया से यात्री किराया 900/- निर्धारित किया गया है। यात्रियो की संख्या 75 यात्री निर्धारित की गई है। और तो और निर्धारित यात्री संख्या से ज्यादा यात्री पाये जाने पर 5000/- जुर्माना एवं 1 सप्ताह के लिये बस का संचालन बंद किया जावेगा। एवं किसी भी बस की यात्री संख्या की चेकिंग का अधिकार मार्ग पर संचालित होने वाली बसों के संचालको अथवा उनके प्रतिनिधी को होगा, जो कहीं भी किसी भी समय वाहन को चेक कर सकेगा। वाहन चेकिंग के समय कम से कम तीन लोगों का ग्रुप वाहन चेक करेगा। जिसका प्रति बस 300/- वाहन चेक करने पर भुगतान किया जावेगा। किराये से लायी गई बस का संचालन मार्ग पर नहीं किया जावेगा, जो भी बस वर्तमान में किराये पर संचालित है उन्हे 10 दिन के भीतर अपने नाम पर अंतरण करना आवश्यक होगा। उक्त नियमावली पर आपत्ति जताते हुए श्री समरीते ने कहा की किस अधिकार और नियम के तहत बस संचालकों ने यह नियमावली जारी की है उसका जवाब दें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ